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सरकारी अस्पताल में लापरवाही की 'लपटें', बचाव के इंतजाम ठंडे

मुरादाबादजासं बस दुआ करें कि महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल जैसी आग लगन

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 04:10 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 04:10 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में लापरवाही की 'लपटें', बचाव के इंतजाम ठंडे
सरकारी अस्पताल में लापरवाही की 'लपटें', बचाव के इंतजाम ठंडे

मुरादाबाद,जासं : बस, दुआ करें कि महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल जैसी आग लगने वाली घटना हमारे यहां न हो। वो इसलिए क्योंकि जिले के सरकारी अस्पतालों में भी कदम-कदम पर लापरवाही की 'लपटें' उठ रही हैं। छोटा-बड़ा अग्निकांड होने की दिशा में बचाव के सारे इंतजाम ठंडे पड़े हैं। चाहे महिला या पुरुष अस्पताल हों। पूर्व की घटनाओं की तरह शनिवार को दैनिक जागरण ने जब रियलिटी चेक फिर किया तो हालात वाकई डरावने वाले सामने आए।

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कहां क्या हाल मिला

अस्पताल के गेट पर फायर इंस्टि्वंगर (अग्निशमन यंत्र) के बजाय इलेक्ट्रानिक हैंड सैनिटाइजर की खाली बोतल लटकी मिली। उसका प्लग भी निकला हुआ था। इमरजेंसी वार्ड में भी यही नजारा देखने को मिला। सारी वार्ड और इमरजेंसी कक्ष, माइनर ओटी में भी इंतजाम ध्वस्त दिखे। वहीं, महिला अस्पताल में भूतल पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनीता पांडे के कक्ष से पहले एक फायर इंस्टि्वंगर लगा हुआ था। बाकी वार्डों में एक भी उपकरण नजर नहीं आया। हालांकि, दावा किया गया कि अस्पताल के लेबर रूम में उपकरण लगे हुए हैं।

नई बिल्डिग में नहीं चालू हुई पाइपलाइन

महिला अस्पताल की आधुनिक बिल्डिग में आग बुझाने के लिए पाइप लाइन तो बिछाई गई लेकिन, डेढ़ साल से कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो पाई। 20 लाख रुपये का सालाना रखरखाव का खर्च बताया गया। तर्क है, इसीलिए व्यवस्थाएं नहीं हो पा रहीं। नई बिल्डिग में फिलहाल एल-टू अस्पताल संचालित है। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

अस्पताल की पुरानी बिल्डिग में सीलन

महिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिग में सीलन की वजह से उपकरणों के खराब होने का अंदेशा जता गया। अधिकारियों का तर्क है कि यहां फायर इंस्टि्वंगर तो हैं मगर, सीलन की वजह से खराब होने का खतरा है।

याद आई ट्रेनिंग, अग्निशमन अधिकारी ने दिया डेमो

शनिवार को महिला अस्पताल में अग्निशमन अधिकारी शत्रुघन ने महिला अस्पताल प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनीता पांडेय, डॉ. रनवीर सिंह, वरिष्ठ लैब तकनीशियन महेश सिंह के अलावा सभी स्टाफ को आगे बुझाने के बारे में समझाया। पार्क में आग बुझाने वाले यंत्र के साथ डेमो भी दिया। उन्होंने बताया कि आग लग जाए तो घबराना नहीं है बल्कि बुझाने वाले यंत्र का इस्तेमाल करना है। वहीं, महिला अस्पताल में आग बुझाने के इंतजाम के लिए भी प्रशिक्षण दिया गया।


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