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मुरादाबाद की 62 सोसायटियों में खाद घोटाले की आशंका, जांच के आदेश

54814 टन का मिला था लक्ष्य 68027 टन खाद की बिक्री। सोसायटियों में 30 से अधिक बोरी खाद खरीदने वाले आए जांच के दायरे में।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:10 AM (IST)
मुरादाबाद की 62 सोसायटियों में खाद घोटाले की आशंका, जांच के आदेश

मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। खरीफ की फसल में खाद वितरण की शिकायतें लगातार अफसरों से हो रही थी। इन शिकायतों पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा था। कई जनपदों में खाद घोटाला खुला तो तो मुरादाबाद में पड़ताल हुई। प्रारंभिक जांच के बाद 62 सोसायटियों के द्वारा तय लक्ष्य से अधिक खाद बिक्री होने पर घोटाले की आशंका जताई जा रही है। वहीं, जनपद में लक्ष्य से अधिक खाद आने के बाद कालाबाजारी की शिकायतें अफसरों को मिली हैं।

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जिले को 54,814 टन का मिला था लक्ष्य मिला था, जबकि अभी तक 68,027 टन खाद की बिक्री हो चुकी है। फिर भी खाद की मांग घटी नहीं है। शासन के निर्देश के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जिले की 62 खाद सोसायटियों की जांच के आदेश दिए हैं। सभी उप जिलाधिकारियों प्रत्येक सोसायटी के दस बड़े खरीददारों की सूची बनाकर उनका सत्यापन भी कराएंगे। इस प्रकार पकड़ी गई गड़बड़ी बीते सप्ताह राज्य सरकार को केंद्रीय खाद एवं रसायन मंत्रालय ने वर्ष 2020 के वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक खाद लेने वाले प्रत्येक जिले के टॉप 20 किसानों की सूची सौंपी थी। सूची के आधार पर जब सूबे में जांच शुरू हुई तो गोरखपुर,अलीगढ़, बाराबंकी के साथ ही अमरोहा जनपद की खाद सोसायटियों में गड़बड़ी पकड़ में आई। जांच में पता चला है कि खाद विक्रेताओं द्वारा पीओएस मशीन से अंगूठा न लगाने की छूट का फायदा उठाया गया है। खाद विक्रेताओं ने आधार कार्ड की जगह किसान क्रेडिट कार्ड और मतदाता पहचान पत्र का नंबर पीओएस मशीन में फीड करके खाद ब्रिकी की गई। इस एंट्री में किसानों के फर्जी नाम और पहचान पत्रों का प्रयोग किया गया है। शासन से निर्देश के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने खाद सोसायटियों की जांच का जिम्मा चारों तहसीलों के एसडीएम को सौंपा गया है। सोसायटी से खाद वितरण की जानकारी लेने के लिए एसडीएम और तहसीलदार जाएंगे। प्रत्येक सोसायटी के दस बड़े खरीदारों की जानकारी लेकर गांव में लेखपाल सत्यापन करने के लिए जाएंगे। प्रत्येक सोसायटी में जिनके द्वारा 30 बोरी या उससे अधिक खाद ली गई है, उनकी जमीन और फसल का भौतिक सत्यापन होगा। अगर किसी भी सोसायटी में खाद वितरण में गड़बड़ी मिलती है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 

किसान बोले चार सौ रुपये में मिली बोरी

भारतीय किसान यूनियन असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि जनपद में खाद के लिए किसानों से दो गुना दाम वसूले गए हैं। अभी भी सोसायटियों में लंबी लाइनें लग रही है। यूरिया की बोरी 270 रुपये वाली बोरी चार सौ रुपये तक बेची गई। वहीं भाकियू अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह रंधावा ने कहा कि शुरुआत में जनपद में खाद की कालाबाजारी की सूचनाएं किसानों ने दी थी। प्रशासन की सख्ती के बाद इसमें कमी आई है।

एसडीएम के माध्यम से सोसायटियों से सबसे ज्यादा खाद लेने वालों की सूची प्राप्त करने के साथ ही भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। अगर किसी सोसायटी में कोई कमी मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी 


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