राम-सीता के विवाह की घोषण से अवध से लेकर मिथिला तक छाई खुशियां
लाइनपार के रामलीला मैदान में राम-सीता विवाह का मंचन हुआ।
मुरादाबाद,जासं : लाइनपार के रामलीला मैदान में राम-सीता विवाह का मंचन हुआ। धनुष तोड़ने के बाद मिथिला में राम-सीता के विवाह की घोषणा की गई। इससे मिथिला से लेकर अयोध्या तक खुशियां छा गईं। राजा जनक ने अयोध्या के राजा दशरथ को राम-सीता के विवाह का न्योता भेजा। निमंत्रण मिलते ही अवध में शगुन के गीत गाए जाने लगे। भरत, शत्रुघन भी बरात की तैयारी में जुट गए। राम-सीता का विवाह का मंचन देख दर्शक भी आनंदित हुए। शाम सात से रात नौ बजे तक मंचन किया जा रहा है। रामसिंह कुंती संगम कमेटी के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कोरोना काल में प्रभु की लीला उसी उत्साह से दिखा रहे हैं जैसे हर साल दिखाते आए हैं। दर्शकों से अपील है कि वह बिना मास्क के न आएं। शारीरिक दूरी का पालन बनाए रखें। इधर, दसवां घाट स्थित रामलीला मंच पर श्री रामदरबार की आरती उतारी गई और प्रसाद बांटा गया। यहां पर इस बार रामलीला मंचन नहीं हो रहा है।
अगवानपुर में नारद मोह मंचन के साथ रामलीला शुरू
अगवानपुर, जासं : शुक्रवार को नगर में श्रीरामलीला का शुभारंभ कांठ विधायक राजेश कुमार चुन्नू ने किया। इस दौरान कलाकारों ने पहले दिन नारद मोह का मंचन करके दर्शकों का मन मोह लिया। सबसे पहले मां गणेश वंदना, फिर सरस्वती व श्रीराम दरबार की पूजा हुई। मंचन में दिखाया गया कि नारद मुनि ने अपनी तपस्या से इंद्र के सिंहासन को हिला दिया था। तब नारद मुनि की तपस्या को भंग करने कामदेव जाते हैं लेकिन, वह तपस्या भंग नहीं कर पाते। इससे नारद मुनि के अहंकार को नष्ट करने के लिए देवता भगवान विष्णु से सहायता मांगते हैं। तब भगवान विष्णु ने नारद मुनि की तपस्या भंग करने के लिए लीला रची। नारद मुनि ने विवाह की इच्छा जताने से लेकर वानर रूप धरने व भगवान विष्णु को श्राप देने तक का मंचन दिखाया गया। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष इंद्रेश गुप्ता, सरजू विश्नोई,अंशुल गुप्ता, सतीश बंसल, नवनीत गुप्ता, पुष्पेंद्र शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।