Amroha Bawankhedi Massacre : जेल में बंद मां शबनम से मिला बेटा, शबनम बोली-मैं बेगुनाह, सीबीआइ जांच कराए सरकार
रामपुर जेल में बंद शबनम से मिलने के लिए रविवार को उसका बेटा पहुंचा। इस दौरान उसे गोद लेने वाले दंपती भी साथ थे। शबनम ने बेेेेटे को मन लगाकर पढ़ाई करने की सलाह दी। वहीं दूसरी ओर घटना की सीबीआइ जांच कराने की भी मांग की।
मुरादाबाद, जेएनएन। मां-बाप समेत सात स्वजनों का कत्ल करने में जेल में बंद शबनम से उसके बेटे ने मुलाकात की। इस दौरान शबनम ने कहा कि वह बेगुनाह है। सरकार मामले की सीबीआइ जांच करा लें। शबनम का नाबालिग बेटा रविवार दोपहर अपनी मां से मिलने के लिए रामपुर की जिला कारागार पहुंचा। उसके साथ उसे गोद लेने वाले मम्मी-पापा भी थे। इन लोगों की करीब घंटे भर तक शबनम से मुलाकात हुई।
बाहर आए बेटे ने बताया कि उसकी मम्मी ने उससे कहा है कि मन लगाकर पढ़ाई करें। मैं चाहता हूं कि मेरी मम्मी को फांसी न लगे। इसके लिए राष्ट्रपति अंकल से भी गुजारिश की है। उन्हें पत्र लिखा है कि उसकी मम्मी को फांसी न दी जाए। उसे गोद लेने वाले ने बताया कि शबनम ने उन लोगों से कहा है कि वह बेगुनाह है। सरकार इस मामले की सीबीआइ जांच करा ले। इतने दिन बाद सीबीआइ जांच की बात क्यों की जा रही है, इसके जवाब में वह बोले कि शबनम पहले भी खुद को बेगुनाह बताती रही है। लेकिन, उसकी बात नहीं सुनी गई। पिछले दिनों मीडिया में उसे फांसी लगने की खबरें आई तो वह घबरा गई। बेटा भी परेशान था, इसीलिए दोनों की मुलाकात कराई गई। दोनों को मिलकर तसल्ली मिली है।
शबनम अब क्यों घबरा रही है, इसके जवाब में वह बोले कि शबनम कोई क्रांतिकारी नहीं है जो भगत सिंह की तरह हंसते हुए फांसी पर झूल जाए। मौत की खबर से वह परेशान है और चाहती है कि उसे इंसाफ मिले। उसे बचाने के लिए एक बार फिर राज्यपाल और राष्ट्रपति से गुहार लगाई गई है। उम्मीद है कि वह फांसी से बच जाएगी। उन्होंने कहा कि वह कॉलेज में शबनम के साथ पढ़े हैं, सिर्फ इतनी ही जान पहचान थी। उसके बेटे को कोई भी गोद ले सकता था और हमारे कोई औलाद नहीं थी। सिर्फ यही बच्चा है। हमें उसकी संपत्ति से कोई लालच नहीं है।
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