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अमरोहा नगर पालिका का अजब कारनामा, बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र की अर्जी पर लगा दी मौत की रिपोर्ट

पालिका में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटल कर्मी आंख बंद कर रिपोर्ट लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की अर्जी पर पटल कर्मियों ने मौत की रिपोर्ट लगा दी। यह देख स्वजन के होश उड़ गए।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 06:13 AM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 06:13 AM (IST)
अमरोहा नगर पालिका का अजब कारनामा, बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र की अर्जी पर लगा दी मौत की रिपोर्ट
मामला पकड़ में आने पर ईओ ने पटल कर्मियों को तलब कर लगाई फटकार।

मुरादाबाद, जेएनएन। पालिका में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटल कर्मी आंख बंद कर रिपोर्ट लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की अर्जी पर पटल कर्मियों ने मौत की रिपोर्ट लगा दी। यह देख स्वजन के होश उड़ गए। शिकायत पर ईओ ने पटल कर्मियों को तलब कर फटकार लगाई और कार्रवाई के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।

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यह मामला शहर के मुहल्ला कटरा बख्तावर का है। यहां के रहने वाले शहजाद ने अपने बच्चे अब्दुला का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पालिका में आवेदन किया था। बुधवार को वह बेटे का जन्म प्रमाण पत्र लेेने आए तो देखा कि प्रमाण पत्र नहीं बना था। जांचने पर पता चला कि उनके आवेदनपत्र पर बाबू प्रज्वल, पटल कर्मी निजाम व जाहिद ने मौत की रिपोर्ट लगा रखी थी। यह देख शहजाद के होश उड़ गए और उन्होंने सभासद के साथ ही ईओ ब्रजेश कुमार से इसकी शिकायत की। ईओ ने मामले को गंभीरता से लिया और पटल कर्मियों को तलब कर फटकार लगाई।

सभासद ने बीच में पड़कर समझौता करा दिया। बावजूद इसके ईओ ने दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गोपीलाल को नोटिस जारी कर दिया। ईओ ने बताया कि एक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनना था। जिसमें जांच बाबू के साथ पटल कर्मियों ने मौत की रिपोर्ट लगा दी थी। जिन्हें चेतावनी दी गई है और कार्रवाई के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी किया है।

पहले भी बना चुके जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र : नगर पालिका में बुधवार को यह कारनामा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि इससे पहले भी एक जिंदा व्यक्ति को मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया था। जिसमें व्यक्ति ने तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर डीएम से शिकायत की थी। एसडीएम स्तर से जांच भी चली, लेकिन सभासदों ने दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करा दिया था।नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गोपीलाल ने बताया कि पूरा मामला मेरे संज्ञान में है। मेरे पास हस्ताक्षर कराने आए थे तो उस पर मौत की रिपोर्ट लगा रखी थी। मैने टोककर सही करने को कहा भी था, बावजूद इसके सही नही किया। इस प्रकरण में पालिका कर्मी ही दोषी है। 


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