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मुरादाबाद की अलीशा मलिक के मकसद को समझ नहीं सके लोग, अलीशा बेहद आहत

अलीशा का मानना है कि उसका मकसद तो लोगों की रूढिवादी को सोच को बदलने का था, लेकिन सोशल मीडिया पर अधूरा वीडियो दिखाकर उसके काम का मकसद ही बदल दिया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 01:39 PM (IST)
मुरादाबाद की अलीशा मलिक के मकसद को समझ नहीं सके लोग, अलीशा बेहद आहत
मुरादाबाद की अलीशा मलिक के मकसद को समझ नहीं सके लोग, अलीशा बेहद आहत

मुरादाबाद (जेएनएन)। पीतलनगरी मुरादाबाद में ईद के त्यौहार पर शॉपिंग मॉल में लड़की की सभी से गले मिलकर उनको मुकारबवाद देने का वीडियो वायरल होने के बाद बेहद चर्चा में आ गई लड़की अब परेशान है। ईद के दूसरे दिन वायरल हुए एक वीडियो में युवती को मुरादाबाद के वेव मॉल में युवाओं से गले मिलते दिखाया गया था। इसको लेकर खड़े हुए विवाद के बाद युवती अलीशा मलिक खुद सफाई देने सामने आई।

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अलीशा का मानना है कि उसका मकसद तो लोगों की रूढिवादी को सोच को बदलने का था, लेकिन सोशल मीडिया पर अधूरा वीडियो दिखाकर उसके काम का मकसद ही बदल दिया गया। वीडियो हर जगह पर अधूरा दिखाया गया है। मुरादाबाद की अलीशा मलिक अब सोशल मीडिया की स्टार बन चुकी है। पूरे मुरादाबाद में इसी लड़की की चर्चा है। लाखों लोग ईद पर लड़कों से गले मिलते अलीशा के वीडियो देख चुके हैं और अब भी इसे लगातार शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो लड़के लाइन में लगकर अलीशा से गले मिल रहे हैं। मुरादाबाद के अलग-अलग मॉल्स में अलीशा ने लोगों के साथ मुलाकात की। गले मिलीं और ईद की मुबारकबाद दी। उनसे गले मिलने के लिए लड़कों की लाइनें लग गई थीं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

अलीशा ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है वह अधूरा है। मैं केवल लड़कों से गले नहीं मिली। बल्कि, महिलाओं और बच्चों को भी गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी थी। इसको लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है उससे मेरा मन व्यथित है। ऐसा करने के पीछे मेरा मकसद कोई पब्लिसिटी पाना नहीं था, बल्कि यह जताना था कि महिला और पुरुष में कोई भेद नहीं है। सभी को गले लगाकर समाज की रूढ़ीवादी सोच बदलने की एक कोशिश भर थी। लेकिन, लोगों ने इसे गलत तरीके से लिया और विवाद खड़ा कर दिया। अलीशा ने कहा कि उन्हें ऐसा उम्मीद नहीं था कि उनका वीडियो वायरल हो जाएगा। ऐसा करने के पीछे मेरा मकसद कोई पब्लिसिटी पाना नहीं था, बल्कि यह जताना था कि महिला और पुरुष में कोई भेद नहीं है। सभी को गले लगाकर समाज की रूढ़ीवादी सोच बदलने की एक कोशिश भर थी। लेकिन, लोगों ने इसे गलत तरीके से लिया और विवाद खड़ा कर दिया। अलीशा ने बताया कि ऐसा करने से पहले उसने अपनी मम्मी की सहमति भी ली थी। कहा कि सोशल मीडिया पर लोग तमाम भद्दे कमेंट्स कर रहे हैं। उससे असहज हूं।

अलीशा यूट्यूब पर अपना चैनल चलाती हैं। ईद पर 100 लोगों से गले मिल कर वीडियो बनाना चाहती थीं। उन्होंने वीडियो बनाया भी और 100वें कंटस्टेंट को गिफ्ट भी दिया। उनका वीडियो वायरल हो गया। कुछ लोगों ने उनकी तारीफें कीं तो कुछ ने उनके कपड़ों और लड़कों से गले मिलने के लिए खराब बातें भी कहीं। अलीशा इस बात से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि मेरे कपड़ों पर सवाल उठाया जाएगा। लोग बेहद भद्दे कमेंट कर रहे हैं तो दुख हो रहा है। अब तो दुनिया मान चुकी है कि लड़का-लड़की बराबर हैं। हमको भी इन बातों से ऊपर उठना चाहिए।

अलीशा ने बताया कि अपनी बहनों के साथ मिलकर उसने ऐसा करने की योजना बनाई थी। लक्ष्य सौ लोगों से गले मिलकर ईद की बधाई देने का था। 100वें व्यक्ति को उपहार देने की योजना थी। पहले हम वेव सिनेमा गए। लोगों को गले लगकर ईद की बधाई देने के बारे में जैसे ही बताया वहां भीड़ लग गई। पहले महिलाओं से गले मिलीं, फिर बच्चे और लड़के भी आने लगे।

इस दौरान बहन के अलावा किसी और ने भी वीडियो बना लिया। उसमें से केवल वही हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल किया जब मैं वहां पर लड़कों से गले मिल रही थी। वहां से निकलकर विशाल मेगा मार्ट पहुंचे और टास्क पूरा किया। अंतिम व्यक्ति के रूप में दो छोटे बच्चों से गले मिले। गिफ्ट के रूप में उसे चॉकलेट और टैडी बियर देकर बधाई दी।

मां की स्वीकृति मिलने पर किया ऐसा

अलीशा ने बताया कि ऐसा करने का विचार एकाएक मेरे में मन नहीं आया। दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रही हूं। नए साल पर पापा के साथ गोवा घूमने गई थी। देखा कि लड़का-लड़की में भेद नहीं है। इस बारे में मम्मी को बताया था और पूछा था कि क्या ईद के दिन हम ऐसा कर सकते हैं। उनकी स्वीकृति मिलने के बाद ही ऐसा किया।

वीडियो पर सोशल मीडिया पर आ रहे भद्दे कमेंट्स

सोशल मीडिया पर लोग तमाम भद्दे कमेंट्स कर रहे है। उससे असहज हूं। मम्मी परेशान हैं। घर से निकलने को नहीं मिल रहा। जबकि, हम केवल यह संदेश देना चाहते थे कि हम किसी भी धर्म के हों, किसी भी समाज के हों, लड़का या लड़की हों, हमें किसी में भेद करने की जरूरत नहीं है।

शरीयत में यह काम हराम

वहीं इस मुद्दे को लेकर मुफ्ती रईस अशरफ, प्रिंसिपल मदरसा तहजीबुल इस्लाम का कहना है कि किसी लड़की का गैर मर्द से गले मिलना शरीयत में हराम है। मुझे लोगों ने वीडियो दिखाई थी। उसका यह कारनामा पूरी तरह गलत है।


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