रामपुर में बोले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए साइकिल यात्रा निकालेगी सपा
Akhilesh Yadav in Rampur समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को रामपुर पहुंचे। सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सीधे सांसद आजम खां के घर पहुंचकर उनकी पत्नी तजीन फात्मा से मुलाकात की।
मुरादाबाद, जेएनएन। Akhilesh Yadav in Rampur। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामपुर पहुंचकर सांसद आजम खां की पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तजीन फात्मा का हालचाल जाना। करीब एक घंटे तक उनके आवास पर रहे। इसके बाद मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए निकल गए।
पार्टी आजम खां के परिवार के साथ : अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जौहर यूनिवर्सिटी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पूरी पार्टी आजम खां के परिवार के साथ है। उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा ने विकास को विनाश के रूप में बदलने का काम किया है। भाजपा यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना चाहती है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। बजट सत्र के बाद यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए जगह-जगह साइकिल यात्रा निकाली जाएगी।
10 महीने तक जेल में रहीं तजीन फात्मा
सांसद आजम खां की पत्नी करीब 10 महीने सीतापुर जेल में बंद रहीं। एक महीने पहले जेल से रिहा होने के बाद रामपुर लौटींं। लेकिन, समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं आया, जबकि कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और मध्यप्रदेश के विधायक आरिफ मसूद बुधवार को उनसे मिलने रामपुर आए थे। उनका हालचाल जाना था। वह सीतापुर जेल में गिरने से भी चोटिल हो गई थीं। अब उनका हालचाल जानने सपा मुखिया शुक्रवार को रामपुर पहुंच गए। सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सीधे सांसद आजम खां के घर पहुंचकर उनकी पत्नी तजीन फात्मा से मुलाकात की। उनका हाल चाल जाना। इसके बाद सपा कार्यालय पर मीडिया से बात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि साल 2019 में आजम खां और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। आजम खां के खिलाफ 85 मुकदमे विचाराधीन हैं, जबकि तजीन फात्मा के खिलाफ 34 और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 42 मुकदमे विचाराधीन हैं। इन तीनों ने पिछले साल 26 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब कोर्ट ने तीनों को ही जेल भेज दिया। आजम खां और अब्दुल्ला तब से ही सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खां की चार और अब्दुल्ला की तीन मुकदमों में जमानत नहीं हो सकी है, जबकि तजीन फात्मा सभी मुुकदमों में जमानत मंजूर होने के बाद 21 दिसंबर 2020 को रिहा हो गईंं थीं।