मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बाद बैच नंबर के साथ जरूर बनवाएं बिल, दवा के नकली होने का नहीं रहेगा खतरा
मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बाद हम लोग बिल नहीं मांगते हैं। दुकानदार भी चेहरा पढ़कर समझ लेता है कि इसे सिर्फ दवा ही चाहिए। ऐसे कई मेडिकल स्टोर हैं। जो दवा देने के बाद बिल नहीं देते और उसमें दवा के नकली होने के पूरे आसार रहते हैं।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कई बार जल्दी-जल्दी में मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बाद हम लोग बिल नहीं मांगते हैं। दुकानदार भी चेहरा पढ़कर समझ लेता है कि इसे सिर्फ दवा ही चाहिए। ऐसे कई मेडिकल स्टोर हैं। जो दवा देने के बाद बिल नहीं देते और उसमें दवा के नकली होने के पूरे आसार रहते हैं। इसलिए दवा लेने के बाद आप दुकानदार से बिल पर बैच नंबर और एक्सपायरी की तारीख डलवाकर बिल लें। इससे दवा के नकली होने का अंदेशा नहीं के बराबर होगा।
जिले में तकरीबन 1400 मेडिकल स्टोर हैं। इनमें से अधिकतर दवा खरीदने आए उपभोक्ता को बिल नहीं देते हैं। इसमें वो नकली दवा भी तीमारदार को दे देते हैं। जिससे मरीज को दवा का असर नहीं होता और मर्ज बढ़ जाता है। कई तो एक साल्ट बताकर लिखी हुई दूसरी दवा मरीज या तीमारदार को देते हैं। इससे दवा के नकली होने का अंदेशा पूरा होता है। औषधि विभाग की छापेमारी में दवा नकली होने का अंदेशा होने पर छापामारी में नमूने भी लिए गए हैं। इधर एक साल की बात करें तो 12 दवाओं के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। इसलिए आप दवा खरीदने के दौरान दुकानदार से बिल देने के लिए कहें।
उपभोक्ताओं को जागरूक होने की बहुत जरूरत है। बिना बिल के दवा लेने में नकली होने का अधिक खतरा है। आप दुकानदार से बिल मांग लीजिये। बिल पर बैच नंबर और एक्सपायरी की तारीख डलवाएंगे तो सौ फीसद नकली दवा नहीं होगी। जांच में भी पूरी आसानी हो जाएगी।
मुकेश जैन, औषधि निरीक्षक।
यह भी पढ़ें :-
मुरादाबाद में घर के बाहर खेल रही चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपित को पकड़ा