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अमरोहा में गंगा घाटों पर स्‍नान के लिए उमड़ी भीड़, न शारीरिक दूरी का ख्‍याल, न मास्‍क का इस्‍तेमाल

Pitra Amavasya अमरोहा में पित्र अमावस्या पर हजारों ने लगाई आस्था की डुबकी। कोरोना महामारी के बीच पौरारा घाट पर पहली बार लोगों की जुटी भीड़। टूटते रहे शारीरिक दूरी के नियम।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 01:11 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 01:11 PM (IST)
अमरोहा में गंगा घाटों पर स्‍नान के लिए उमड़ी भीड़, न शारीरिक दूरी का ख्‍याल, न मास्‍क का इस्‍तेमाल
अमरोहा में गंगा घाटों पर स्‍नान के लिए उमड़ी भीड़, न शारीरिक दूरी का ख्‍याल, न मास्‍क का इस्‍तेमाल

अमरोहा। कोरोना वायरस के खौफ से लोग बेहद संजीदा हो गए हैं। वे संक्रमण से बचने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से भी बच रहे हैं। घर में शारीरिक दूरी के पालन के साथ मास्‍क का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग आस्‍था के लिए हर तरह के रिस्‍क उठाने को भी तैयार रहते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा दिखा जिले केे हसनपुर के पौरारा घाट पर। 

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दरअसल धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार का दिन पितरों के विसर्जन के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पितरों को विदा करने से पितृ देव बहुत प्रसन्न होते हैं। क्योंकि यह मोक्ष देने वाले भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है। इस कारण सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का विसर्जन विधि विधान से करने को हसनपुर के पौरारा घाट पर गुरुवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम टूटते नजर आए। लोगों की भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना वायरस का खतरा अब रहा ही नहीं। 

आस्था भारी पड़ी 

कोरोना संक्रमण के भय के आगे आस्था भारी पड़ी और लोगों ने बिना किसी डर के अपने पितरों का विसर्जन कर पतित पावनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। गंगा स्नान कर मां गंगा की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान गंगा तट पर हर हर गंगे के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय रहा। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण काल में प्रतिबंध के चलते गंगा स्नान करने को भी भीड़ नहीं जुट रही थी। कोरोना काल में पहली बार गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दे रहा है। तहसील क्षेत्र के पूठधाम सतैडा समेत अन्य गंगा घाटों पर भी गुरुवार को पितृ अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। हसनपुर निवासी पंडित यतींद्र शंकर गौड़ बताते हैं कि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है इस दिन पितरों को विदा करने से पितृदेव बहुत प्रसन्न होते हैं। 


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