रामपुर की चीनी मिलों पर किसानों का 70 करोड़ रुपया बकाया
गन्ना भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए आदेश को रामपुर की चीनी मिलों ने पूरी तरह ताक पर रख दिया है। चीनी मिलों पर किसानों का 70 करोड़ रुपया बकाया हैं।
मुरादाबाद। गन्ना भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए आदेश को रामपुर की चीनी मिलों ने पूरी तरह ताक पर रख दिया है। सीएम के आदेश और किसानों द्वारा बार-बार प्रदर्शन करने के बावजूद मिलों का रवैया सुधरने में नहीं आ रहा है। जिला गन्ना अधिकारी द्वारा बार-बार दिए जा रहे नोटिसों के बावजूद अभी भी मिलों पर जनपद के किसानों का 70 करोड़ रुपया बकाया है। बैंकों के लगातार चढ़ रहे ब्याज से परेशान हैं किसान मिलों की मनमानी के चलते अभी तक किसानों को उनके द्वारा खून पसीना एक कर पैदा की गई गन्ने की फसल का भुगतान नहीं हो पाया है। ऐसे में किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। वे किसान, जिन्होंने कर्ज लेकर फसल उगाई थी, वे बैंकों के लगातार चढ़ रहे ब्याज से परेशान हैं। गेहूं की फसल की बुवाई सिर पर है। ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहा किसान बड़े ही पशोपेश में है।चीनी मिलें किसानों का अभी भी 70 करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। हालांकि गन्ना विभाग की कोशिशों से मिलों द्वारा काफी भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री का आदेश भी हुआ बेअसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीनी मिलों को 31 अक्टूबर तक पूरा गन्ना मूल्य भुगतान कराने के आदेश दिए थे, लेकिन चीनी मिलों के अधिकारी सीएम के इस आदेश को हवा में उड़ाने पर तुले हुए हैं। बीस दिन गुजरने के बाद भी जनपद की चीनी मिलों पर सीएम के आदेश का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। गन्ना विभाग की मानें तो उनके द्वारा इन मिलों को अब तक दर्जनों नोटिस दिए जा चुके हैं। हालत यह है कि गन्ना विभाग की तमाम मशक्कत के बाद भी गन्ना भुगतान नहीं हो पा रहा है। चीनी मिलों का पेराई सत्र बंद हुए भी काफी समय गुजर गया है, इसके बावजूद अभी तक किसानों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है। राणा मिल पर सबसे अधिक बकाया बात यदि मिलों से जुड़े सभी किसानों की करें, जिनमें मुरादाबाद के भी किसान शामिल हैं तो राणा शुगर मिल पर सबसे अधिक 49 करोड़ बयासी लाख रुपए बकाया हैं। राणा अब तक दो अरब 20 करोड़ 49 लाख रुपयों का भुगतान कर चुकी है। त्रिवेणी पर 36.50 करोड़ रुपए बकाया हैं, जबकि एक अरब 93 करोड़ 93 लाख 89 हजार का भुगतान वह कर चुकी है। वहीं रूद्र बिलास अभी तक 73 करोड़ 85 लाख 95 हजार का भुगतान कर चुकी है। उस पर 2.89 करोड़ का बकाया है। इस प्रकार मिलों पर कुल बकाया धनराशि 89.21करोड़ है, जबकि केवल रामपुर जनपद के किसानों का 70 करोड़ रुपया बकाया है। किसान कई बार कर चुके आंदोलन
इसको लेकर किसान अब तक एक नहीं, बल्कि कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। पिछले माह कलक्ट्रेट पर किसानों ने प्रदर्शन के दौरान चार दिनों तक डेरा डाले रखा था। यहां तक कि खाना-पीना, सोना-जागना और फिर धरने पर बैठ जाना, चार दिनों तक यही क्रम चलता रहा था। उसके बाद पांचवें दिन जिलाधिकारी धरना स्थल पर किसानों के बीच पहुंचे थे। मिलों में बात की, जिस पर बहुत शीघ्र सारा भुगतान करने का आश्वासन किसानों को दिया गया था। इस पर किसान आश्वस्त हो कर लौट आये थे। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भी 30 अक्टूबर तक किसानों का सारा भुगतान कर देने के आदेश मिलों को दिए। गन्ना विभाग भी एक के बाद एक कई नोटिस मिलों को भेज चुका है, उसके बावजूद मिलें अपनी मनमानी पर आमादा हैं। तीस नवम्बर से पहले हो जाएगा भुगतान गन्ना विभाग की मानें तो तीस नवम्बर से पहले-पहले किसानों का बकाया भुगतान कर दिया जाएगा। विभाग के अनुसार त्रिवेणी मिल का लोन सेंक्शन हो गया है। वह लगभग एक सप्ताह में बकाया धनराशि का भुगतान कर सकती है। वहीं राणा मिल के लोन की प्रक्रिया चल रही है। वह भी लोन पास होते ही भुगतान कर देगी। इसके अलावा रूद्र विलास मिल, सरकार से सब्सिडी प्राप्त होते ही सारा भुगतान कर देगी।
सभी मिलों को दे दिए गए नोटिस
जिला गन्ना अधिकारी हेमराज ¨सह, कहते हैं कि सभी मिलों को नोटिस दे दिए गए हैं, जिसमें एक सप्ताह के अंदर किसानों को सारा भुगतान करने के लिए कहा गया है। मिलों से जानकारी मिली है कि बैंक से ऋण प्राप्त होते ही शेष सभी भुगतान कर दिया जाएगा। -