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मुरादाबाद में 37 बेसिक स्कूलों का हुआ कायाकल्प, शौचालय और पेयजल व्‍यवस्‍था में सुधार

जिले में बेसिक स्कूलों का कायाकल्प जारी है। वर्ष 2019-20 के बाद शहर के 37 स्कूलों का भी कायाकल्प हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत की ग्राम निधि से स्‍कूलों में कई तरह के कार्य कराए गए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 10:17 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 10:17 AM (IST)
मुरादाबाद में 37 बेसिक स्कूलों का हुआ कायाकल्प, शौचालय और पेयजल व्‍यवस्‍था में सुधार
अच्छा और स्वच्छ वातावरण होने से पढ़ाई में भी मन लगेगा।

मुरादाबाद, जेएनएन। जिले में बेसिक स्कूलों का कायाकल्प जारी है। वर्ष 2019-20 के बाद शहर के 37 स्कूलों का भी कायाकल्प हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत की ग्राम निधि से आपरेशन कायाकल्प के तहत बालक-बालिकों के अलग-अलग शौचालय, मुख्य द्वार, कक्षों का निर्माण, टाइल्स, चाहरदीवारी, फर्श, फर्नीचर, जल निकासी, पेयजल व्यवस्था में सुधार कराया गया है।

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शासन के निर्देश पर नगर क्षेत्र के 37 स्कूलों में भी उपरोक्त सुविधाएं दी गई हैं। डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया नगर के बेसिक स्कूलों में भी आपरेशन कायाकल्प प्रगति पर है। विद्यालय भवन और उनका परिसर अपनी ओर आकर्षित करता है। अच्छा और स्वच्छ वातावरण होने से पढ़ाई में भी मन लगेगा।

शिक्षकों ने मृतक आश्रितों को एक करोड़ मुआवजा व नौकरी की उठाई मांग

ऑल टीचर्स एंप्‍लाई वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय आह्वान पर प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में ऑनलाइन ट्वीटर अभियान चलाया। जिसमें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मौत के श‍िकार हुए शिक्षकों एवं कर्मचारियों के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व बच्चों को मुफ्त शिक्षा व पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। अभियान के दौरान मंडल मंत्री एस आकिल रजा़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक एवं कर्मचारी सरकार की पंचायत चुनाव कराने की हठधर्मिता की वजह से काल के गाल में समा गए।  सरकार का यह दायित्व बनता है कि सरकार उन सभी पीड़ित परिवारों को एक करोड़ की सहायता राशि, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व बच्चों की निश्‍शुल्क शिक्षा की जिम्मेदारी ले। साथ ही मृतक शिक्षक एवं कर्मचारियों की नई पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत की गई कटौती को आश्रित परिवार को जीपीएफ के मुहैया कराई जाए। शिक्षक कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की जाए। मांगों पर जल्‍द व‍िचार नहीं क‍िया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन क‍िया जाएगा। 


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