मुरादाबाद के निर्यातकों के 300 करोड़ रुपये फंसे, रिफंड के लिए पीएम मोदी को किया ट्वीट
जमा हुई धनराशि वापस नहीं मिल पाने के कारण निर्यातकों की तीन सौ करोड़ की पूंजी फंसी है। जबकि देश भर के निर्यातकों का यह आंकड़ा तीस हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है। रिफंड के लिए निर्यातकों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के साथ ही ट्वीट भी किया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। निर्यात इंडस्ट्री के लिए समय कुछ मुश्किल भरा चल रहा है। खासकर धातु हस्तशिल्प उद्योग के लिए। एक ओर धातुओं के दाम लगातार बढ़ने से निर्यातकों की लागत बढ़ रही है। दूसरी ओर जीएसटी के रूप में जमा हुआ धनराशि का रिफंड भी नहीं मिल पा रहा है। इधर, मार्च का महीना होने के कारण आयकर भी जमा कराना है। ऐसे में जमा हुई धनराशि वापस नहीं मिल पाने के कारण निर्यातकों की तीन सौ करोड़ की पूंजी फंसी है। जबकि देश भर के निर्यातकों का यह आंकड़ा तीस हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है। रिफंड के लिए निर्यातकों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के साथ ही ट्वीट भी किया है।
मुरादाबाद को धातु हस्तशिल्प उद्योग के कारण पीतलनगरी के नाम से भी जाना जाता है। मुरादाबाद से हर साल सात हजार करोड़ से अधिक का निर्यात दुनिया भर के देशों में होता है। जीएसटी लागू होने के बाद से निर्यातकों को आइजीएसटी और एसजीएसटी जमा करना पड़ता है। हर महीने रिटर्न फाइल करने के बाद यह राशि उन्हें रिफंड कर दी जाती है। पिछले महीनों में निर्यातकों का आइजीएसटी और एसजीएसटी का रिफंड विभाग द्वारा पेमेंट एडवाइस जारी किए जाने के बाद भी नहीं मिल पाया है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के सेंट्रल रीजन के कन्वीनर अवधेश अग्रवाल ने बताया कि ईपीसीएच के पास देश भर से रिफंड नहीं मिलने की शिकायतें मिल रहींं हैं। मुरादाबाद के निर्यातकों के करीब तीन सौ कराड़ रुपये अटके हुए हैं, जबकि देश भर के निर्यातकों के तीस हजार करोड़ रुपये सरकार के पास जमा हैं, जो उन्हें रिफंड किए जाने हैं। रिफंड को लेकर विभागों के साथ पत्राचार लगातार हो रहा है। इस बार प्रधानमंत्री को सीधे पत्र लिखने के साथ ही पीएमओ को ट्वीट भी किया गया है। कच्चे माल के बढ़ते दाम ने बढ़ाई परेशानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धातुओं के दाम में तेजी आने के कारण सभी प्रकार के कच्चे माल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पिछले दो महीनों में कच्चे माल की कीमत में तीस फीसद तक उछाल आया है। कीमत बढ़ने के कारण कच्चे माल के सप्लायर कैश भुगतान करा रहे हैं। क्रेडिट पर काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। ऐसे में निर्यातकों के पास पूंजी का अभाव होने से काम करना मुश्किल हो रहा है। वहीं 15 मार्च तक एडवांस इनकम टैक्स भी जमा कराना है। प्रधानमंत्री को लिख पत्र में 15 मार्च तक जीएसटी रिफंड दिलाने का मांग की गई है।
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