बैंकों के मर्ज होने से कोरोना काल में मुरादाबाद के 10 लाख उपभोक्ता प्रभावित, जानिए क्या है वजह
Moradabad Bank News कई बैंकों का साफ्टवेयर अपग्रेड हो गया है लेकिन पासबुक का सही ढंग से प्रिंट न हो ना बैलेंस का सही तरीके से नहीं छपने जैसी दिक्कतें हैं। एनईएफटी आरटीजीएस डिमांड ड्राफ्टमें भी दिक्कतें आ रही हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। बैंकों के मर्ज होने से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान अभी नहीं हो पाया है जबकि वर्ष 2020 में चार व इससे पहले दो बैंक मर्ज हो चुके हैं। कोरोना काल में जिले के दस लाख उपभोक्ता बैंकों के मर्ज होने के कारण आइएफएससी कोड, एमआइसीआर कोड, इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग, पासबुक व चेक बुक बदलने से ग्राहक परेशान हैं। अभी 50 फीसद बैंक उपभोक्ताओं की तकनीकी समस्याओं का ही समाधान हो पाया है। उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी और कुछ बैंकों की और से जागरूक करने में लापरवाही से अभी तक तकनीकी समस्याएं बनी हुई हैं।
काेरोना काल में बैंकों में लेनदेन से संबिधत काम ज्यादा हो रहे हैं। कारण जिले की 347 बैंक शाखाओं में करीब 250 बैंक कर्मचारी कोरोना से पाजिटिव हैं। ऐसे में पहले लेनदेन समेत बैंकों के मर्ज होने से आइएफएससी कोड, एमआइसीआर कोड, इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग, पासबुक बदलने का काम प्रभावित हो रहा है। पेंशनभोगियों को भी समस्या झेलनी पड़ रही है। कोरोना महामारी में बुर्जुगों को ज्यादा खतरा बाहर निकलने से है। इस कारण बैंकों में भीड़ को देखते हुए इनको सबसे ज्यादा दिक्कतें हैं।
सिंडिकेट की 27 व इलाहाबाद की नौ शाखाएं हुईं मर्ज
जिले में सिडिकेट बैंक की 27 व इलाहाबाद बैंक की नौ शाखाएं मर्ज हुई हैं जबकि कारपोरेशन बैंक व आंद्रा की करीब छह बैंक शाखाएं मर्ज हुईं। अन्य बैंक भी मर्ज हुए हैं।
ऐसे हुआ मर्जीकरण
केनरा बैंक सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक कोपरेशन बैंक, आंद्रा बैंक, पीएनबी ओबीसी व यूनाईटेड बैंक, बीओबी विजया बैंक, देना बैंक।
साफ्टवेयर अपग्रेड होने पर भी दिक्क्तें
कई बैंकों का साफ्टवेयर अपग्रेड हो गया है लेकिन, पासबुक का सही ढंग से प्रिंट न हो ना, बैलेंस का सही तरीके से नहीं छपने जैसी दिक्कतें हैं। एनईएफटी, आरटीजीएस, डिमांड ड्राफ्टमें भी दिक्कतें आ रही हैं। कई बैंकों में ऋण मंजूर के प्रोसिंग में भी समस्या है।
सिंडिकेट बैंक केनरा में मर्ज हुई है। सिंडिकेट के जो उपभोक्ता हैं उनको अपग्रेडेशन कराने को 30 जून तक का समय दिया है। साफ्टवेयर बदले कई महीने हो गए हैं। जैसे-जैसे उपभोक्ता आ रहे हैं, सभी का समाधान किया जा रहा है। इन दिनों कोरोना के कारण कई कर्मचारी भी पाजिटिव हैं, जिससे धैर्य बनाए रखने की जरूरत है।
अतुल बंसल, लीड बैंक, मैनेजर
इस कोरोना काल में पेंशर्नस को दिक्कतें आ रही हैं। बैंक मर्ज होने से वरिष्ठ नागरिकों का अलग से काउंटर लगाकर समाधान कराया जाए। वरिष्ठ नागरिक बहुत देर तक बैंक में नहीं रुक सकते।
विश्व अवतार जैमिनी, वरिष्ठ नागरिक