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विध्यधाम : आस्था की डगर पर बिखरी अलौकिक छटा

जागरण संवाददाता मीरजापुर चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को जय मां विध्यवासिनी की जयकार

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 09:56 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 09:56 PM (IST)
विध्यधाम : आस्था की डगर पर बिखरी अलौकिक छटा
विध्यधाम : आस्था की डगर पर बिखरी अलौकिक छटा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को जय मां विध्यवासिनी की जयकारे से विध्यधाम गुंजायमान हो उठा। हर तरफ आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि मानो श्रद्धालुओं को मां ने विध्यधाम बुलाया हो। सभी श्रद्धालु आस्था में लीन दिखे। कोई गोद में बच्चे को लेकर आस्था के पथ बढ़ते जा रहा था तो कोई प्रसाद लेकर मंदिर की ओर चल पड़ा था। कुछ इस तरह के ²श्य विध्यधाम में चैत्र नवरात्र के पहले दिन दिखाई दिए।

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आधी-अधूरी तैयारियों के बीच चैत्र नवरात्र मेला मंगलवार की भोर से शुरू हो गया। पहले दिन मां विध्यवासिनी के दरबार में 50 हजार भक्तों ने हाजिरी लगाई। माता के दरबार को लाल चुनरी व रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था। गुड़हल, कमल पुष्प व रत्न जड़ित हार से मां विध्यवासिनी का श्रृंगार किया गया था। मंगला आरती के बाद सुबह छह बजे से विध्यवासिनी मंदिर का पट खोल दिया गया था। गंगा स्नान के बाद विध्यधाम की गलियों में नारियल, चुनरी, माला-फूल प्रसाद लेकर भक्त कतारबद्ध हो गए थे। श्रद्धालु मां विध्यवासिनी के जयकारे के साथ या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तयै नमो नम: का जाप करते रहे। सभी लोग मां की झलक पाने को बेताब दिखे। नारियल, चुनरी, माला-फूल प्रसाद लेकर जयकारे के साथ श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ते रहे। किसी ने झांकी तो किसी ने गर्भगृह में जाकर मां विध्यवासिनी के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन-पूजन किया। मां की एक झलक पाकर भक्त निहाल हो उठे। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान अन्य देवी-देवताओं को नमन किया और हवन-कुंड की परिक्रमा भी की। मध्याह्न आरती व श्रृंगार बाद कपाट खुला तो दर्शनार्थियों की तादाद काफी कम हो गई। वैसे तो सोमवार की रात से ही दर्शनार्थी विध्यधाम पहुंच गए थे, लेकिन मंदिर बंद कर दिया गया था। चरण स्पर्श पूरी तरह से प्रतिबंधित रहा। वहीं मंदिर की छत पर पूजन-अनुष्ठान चलता रहा। कोरोना से बचाव के लिए श्रीविध्य पंडा समाज शारीरिक दूरी का पालन कराने में जुटा रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात रही। मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालु विध्य पर्वत पर विराजमान मां काली व मां अष्टभुजा के दर्शन को निकल पड़े। कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर पर दर्शन-पूजन कर श्रद्धालुओं ने त्रिकोण परिक्रमा की। विध्यधाम का नया स्वरूप देख खिले दर्शनार्थियों के चेहरे

विध्य कारिडोर निर्माण के लिए हुए चौड़ीकरण से विध्यधाम नए स्वरूप में नजर आया। मंदिर के चारों तरफ मेले जैसा नजारा दिखा। परिक्रमा पथ के साथ ही गलियों के चौड़ीकरण का नया स्वरूप देख श्रद्धालुओं के चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही थी। बाहर निकलते समय श्रद्धालुओं ने गलियों में सजी दुकानों से खरीदारी की। इसके बाद अपने गंतव्य को रवाना हो गए। कहीं भी नहीं दिखा शारीरिक दूरी का पालन

चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन पुलिस-प्रशासन की व्यवस्था के बावजूद कहीं भी कोरोना नियमों का पालन नहीं किया गया। तय समय सुबह छह बजे से मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालु मां विध्यवासिनी का दर्शन करने को बेताब दिखे। मंदिर के आसपास तैनात पुलिसकर्मी अपने स्थानों पर जमे रहे। कहीं भी शारीरिक दूरी का पालन करते नहीं देखा गया। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर पसरा रहा सन्नाटा

चैत्र नवरात्र पर रेलवे स्टेशन व रोडवेज परिसर दूरदराज से आने वाले दर्शनार्थियों पटा रहता है लेकिन कोरोना के चलते इस बार स्टेशन व रोडवेज परिसर पर सन्नाटा छाया रहा। दर्शनार्थी भी निजी वाहन से आना उचित समझ रहे हैं। भक्तों के लिए किया भंडारे का आयोजन

चैत्र नवरात्र के उपलक्ष्य में दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए सीडीओ अविनाश सिंह की पहल पर विकास भवन समेत विध्याचल में सात स्थानों पर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे का शुभारंभ मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी अजय कुमार सिंह ने मां विध्ययवासिनी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। मंडलायुक्त ने कहा कि विकास विभाग की ओर से भक्तों के लिए सराहनीय कार्य किया गया है। मां के दर्शन करके वापस लौट रहे भक्तों को प्रसाद का वितरण किया गया।


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