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स्कंदमाता के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, नवाया शीश

जागरण संवाददाता मीरजापुर चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को मां विध्यवासिनी के दर्श

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 07:00 PM (IST)
स्कंदमाता के दर्शन के  लिए
उमड़े श्रद्धालु, नवाया शीश
स्कंदमाता के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, नवाया शीश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने मां विध्यवासिनी के स्कंदमाता स्वरूप का दर्शन कर विधिवत पूजन कर मंगलकामना की। क्या बूढ़े क्या बच्चे क्या महिलाएं सभी मां विध्यवासिनी का दीदार करने को बेताब दिखे। कोई झांकी तो कोई गर्भगृह से मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान सभी देवी-देवताओं श्रीचरणों में शीश नवाया। इसके उपरांत श्रद्धालु विध्य पर्वत पर विराजमान मां काली व मां अष्टभुजा के दर्शन को निकल पड़े। स्कंदमाता बुद्धि दाता हैं, इसलिए मां के दरबार में बच्चों की संख्या भी खूब रही।

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चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ पड़ा। भक्त बड़े ही भक्ति-भाव से मां का जयकारा लगा रहे थे। स्कंदमाता का विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर मंगलकामना की। मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद भक्तों ने मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के चरणों में मत्था टेका। इसके बाद विध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली के दर्शन को निकल पड़े। यहां पहुंचने के बाद दर्शन-पूजन कर भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा की। इसके बाद शिवपुर के रामगया घाट पर जाकर मां तारा देवी का दर्शन कर मंगलकामना की। घर वासपी के दौरान पुरुषों व महिलाओं ने प्रसाद के रूप में चुनरी, गमछा, लाठी, सिदूर, चूड़ी, बिदी एवं बच्चों ने खिलौने आदि की खरीदारी की। श्रीविध्य पंडा समाज और पुलिस-प्रशासन के लोग सुरक्षा में लगे रहे।

--------------------- थर्मल स्क्रीनिग के बगैर मंदिर पर प्रवेश कर रहे थे दर्शनार्थी

न्यू वीआईपी गेट से दर्शनार्थी बिना थर्मल स्क्रीनिग कराए मंदिर पर प्रवेश कर रहे थे। प्रशासन से पूछे जाने पर बताया गया कि थर्मल स्क्रीनिग मशीन एक ही था। खराब होने की वजह से दर्शनार्थियों की थर्मल स्क्रीनिग नहीं हो पा रही है, लेकिन शारीरिक दूरी के साथ ही मंदिर पर प्रवेश दिया जा रहा था। वहीं कोरोना के मद्देनजर श्रीविध्य पंडा समाज की ओर से मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा था।


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