विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना साबित हुआ सफेद हाथी
छानबे विकास खंड के ग्राम पंचायत विजयपुर पहाड़ी पर स्थित विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है। पेजयल व्यवस्था को लेकर विजयपुरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना को पुन शुरू कराने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, गैपुरा (मीरजापुर) : छानबे विकास खंड के ग्राम पंचायत विजयपुर पहाड़ी पर स्थित विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है। पेजयल व्यवस्था को विजयपुरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना को पुन: शुरू कराने की मांग की है।
विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना उस समय समय की प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी समूह पेयजल परियोजना थी। करोड़ों की लागत से इस समूह पेयजल योजना का निर्माण जुलाई 1977 में शुरू किया गया और मार्च 1981 में परियोजना पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गई। योजना के तहत खजूरी नदी बैरहवा से पानी लिफ्ट करके विजयपुर पहाड़ी पर स्थित पानी टंकी में इकट्ठा करके क्षेत्र के 54 गांव में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई थी। इसे जोन ए और जोन बी में बांटा गया था। जोन ए से 48 गांव और जोन बी से 6 गांव को पेयजल आपूर्ति की जाती थी। फरवरी 1990 तक निर्बाध रूप से पेयजल आपूर्ति की जाती रही लेकिन उसके बाद मानो परियोजना को ग्रहण सा लग गया। मोटरपंप मरम्मत के नाम पर कमीशन खोरी को लेकर बार-बार मोटरपंप जलने लगा, अंतत: परियोजना ठप हो गई। लगभग तीन दशक बीत जाने के बाद भी परियोजना को शुरू कराने की कोई ठोस कवायद ही नहीं की गई और योजना ठप हो गयी।
महज बीस मिनट ही मिलता है पानी
विभाग द्वारा एक दशक पूर्व छानबे ब्लॉक मुख्यालय के सामने मिनी ट्यूबवेल लगाकर विजयपुर कामापुर समूह पेयजल योजना की टंकी में पानी इकट्ठा कर केवल विजयपुर गांव के लोगों को महज 20मिनट पानी दिया जाता है। जिससे विजयपुर के लोगों की भी प्यास नहीं बुझ रही है। पानी के लिए भटकना विवशता
पानी की व्यवस्था को लेकर भटकना पड़ता है विजयपुर निवासी भगौती शर्मा, कन्हैया लाल अग्रहरि, सखावत अली, मुन्ना सिंह, राम सिंह, गुलाम रसूल आदि ने बताया कि पानी के लिए प्रतिदिन इधर उधर भटकना विवशता बन गई है। बीस मिनट पानी मिलता है वह भी धीमी रफ्तार के कारण एक बाल्टी भरने में पूरी करम हो जाती है।