मुंडन मुहूर्त पर विध्याचल में पहुंचे हजारों दर्शनार्थी, गंगा घाटों पर भीड़
मां विध्यवासिनी दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर बंद होने के बावजूद बुधवार को हजारों दर्शनार्थी मंदिर पहुंचे। इस दिन मुंडन यज्ञोपवीत का बढि़या मुहूर्त होने की वजह से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सुबह से जारी हुआ जो शाम तक चलता रहा। जिसे जहां जगह मिली वहीं पर मुंडन आदि कराया और दूर से ही मां का आशीर्वाद लेकर वापस लौटा।
जासं, विध्याचल (मीरजापुर) : मां विध्यवासिनी दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर बंद होने के बावजूद बुधवार को हजारों दर्शनार्थी मंदिर पहुंचे। इस दिन मुंडन, यज्ञोपवीत का बढि़या मुहूर्त होने की वजह से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सुबह से जारी हुआ जो शाम तक चलता रहा। जिसे जहां जगह मिली वहीं पर मुंडन आदि कराया और दूर से ही मां का आशीर्वाद लेकर वापस लौटा।
विध्याचल धाम में बुधवार को मुंडन व यज्ञोपवीत का विशेष मुहूर्त होने के कारण श्रद्धालु भक्तों का आने का क्रम चलता रहा। इस समय मां विध्यवासिनी के दरबार में दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध है। वहीं श्रद्धालु सड़कों और आसपास के क्षेत्रों में मुंडन संस्कार कराते हुए देखे जा रहे हैं। यज्ञोपवीत संस्कार भी दूर सड़कों पर करा रहे हैं । हालांकि गंगा तट पर श्रद्धालु गंगा में गोता लगाते रहे। स्थानीय छोटे दुकानदारों का कहना है यात्रियों पर कोई रोक-टोक नहीं है, सिर्फ हम छोटे दुकानदारों को ही दुकानों को न खोलने का निर्देश दिया गया है जिसका कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। दुकानदारों ने कहा कि यही सब चलता रहा तो एक दिन भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। कुछ दुकानदारों ने कहा कि हम लोग तो प्रतिदिन कुआं खोदते हैं और पानी पीते हैं। सारा कानून हम लोगों के ऊपर ही लागू होता है। जबकि हजारों की संख्या में यात्री विध्याचल के दरबार में पहुंच रहे हैं। अभी छह दिन पहले ही कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं इसके बाद भी लोगों के आने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और स्थानीय लोगों को थोड़ी राहत मिलनी ही चाहिए।