बाढ़ का खतरा है सिर पर प्रशासनिक तैयारी अधूरी
लगातार हो रही बारिश के चलते इस बार बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। अगस्त महीने में आने वाले बाढ़ को लेकर लोग अभी से चितित होने लगे हैं। गंगा किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि आए दिन हो रही बारिश को देखकर यही लगता है कि इस बार बाढ़ निश्चित रूप से आएगी।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लगातार हो रही बारिश के चलते इस बार बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। अगस्त महीने में आने वाले बाढ़ को लेकर लोग अभी से चितित होने लगे हैं। गंगा किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि आए दिन हो रही बारिश को देखकर यही लगता है कि इस बार बाढ़ निश्चित रूप से आएगी। ऐसे में सतर्क रहना बहुत जरूरी हो गया है। बाढ़ आने पर कई गांव डूब जाते हैं और पूरी खेती जलमग्न हो जाती है। एक महीने बचे इस खतरे को आने में लेकिन प्रशासन की ओर से अभी कोई तैयारी नहीं की गई। केवल बैठककर अधिकारियों को तैयार पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
आषाढ़ का महीना खत्म होने के साथ ही सावन शुरू हो गया है। बारिश भी लगातार हो रही हैं। ऐसे में जिले पर इस बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हर साल जुलाई और अगस्त के महीने में कई बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते गंगा उफान पर होती है जिससे किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ-साथ संपत्ति नुकसान भी कम हो, इस पर भी मंथन होता है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई हैं। जबकि पिछले वर्ष जून तक बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी पूर्ण कर ली गई थी। अधिकारियों की मानें तो इस बार कोरोना के कहर से हर कार्य में देरी हो रही है। इसके चलते समय पर कोई काम नहीं हो पा रहा है। जहां तक बाढ़ से निपटने की बात है तो इसके लिए तैयारी की जा रही है। समय आने पर सारे इंतजाम मुकम्मल कर लिए जाएंगे। किसी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। तैयारी के लिए अधिकारियों को लगाया गया है जो इस पर नजर बनाए हुए हैं।
बाढ़ में सबसे पहले डूबते हैं ये गांव
बाढ़ आने के दौरान जनपद में सबसे पहले छानबे ब्लाक का बबुरा, अकोढ़ी, कोन ब्लाक का हरसिगपुर, मल्लेपुर बल्ली परवा, मझवां का बरैनी, सीखड़ के कुछ गांव डूब जाते हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि ये गांव गंगा किनारे और नीचले स्तर पर भी हैं। इसलिए यहां पर पानी पहले घुसता हैं जिससे गांव डूब जाते हैं। वर्जन
बाढ़ का खतरा अभी जिले पर नहीं है। अभी गंगा का जलस्तर काफी नीचे है। अगस्त महीने में यहां पर बाढ़ आने का खतरा रहता है। इसको देखते हुए इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई। चौकी बनाने के साथ ही सभी तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
-यूपी सिंह अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व