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अधूरे भटौली पुल के काम ने पकड़ी रफ्तार, और लगीं तीन हाइवा ट्रकें

भटौली पुल के काम में रविवार से और तेजी आ गई। दैनिक जागरण द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान का असर दिखा और तीन हाइवा ट्रकें व एक पोकलैंड मशीन और बढ़ा दी गईं। इसके अलावा मिट्टी का समतलीकरण भी तेज कर दिया गया है। रविवार को पानी के टैंकर से पूरी रोड पर छिड़काव कियाग गया जिससे वाहनों के लिए मुसीबत बन रही धूल कम हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 11:24 PM (IST)
अधूरे भटौली पुल के काम ने पकड़ी रफ्तार, और लगीं तीन हाइवा ट्रकें
अधूरे भटौली पुल के काम ने पकड़ी रफ्तार, और लगीं तीन हाइवा ट्रकें

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : भटौली पुल के काम में रविवार से और तेजी आ गई। 'दैनिक जागरण' द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान का असर दिखा। तीन हाइवा ट्रकें व एक पोकलैंड मशीन और बढ़ा दी गईं। इसके अलावा मिट्टी का समतलीकरण भी तेज कर दिया गया है। रविवार को पानी के टैंकर से पूरी रोड पर छिड़काव किया गया जिससे वाहनों के लिए मुसीबत बन रही धूल कम हो गई।

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काम शुरू होने के बाद शनिवार को करीब 15 हजार घनमीटर मिट्टी पाटी गई। वहीं रविवार को सात वाहनों से मिट्टी पटाई का काम शुरू किया गया और शाम तक लगभग 40 हजार घनमीटर मिट्टी डाली गई। पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता विशाल ¨सह ने बताया कि मिट्टी दूर से लानी पड़ रही है जिसकी वजह से समस्या हुई लेकिन अब वाहनों की संख्या बढ़ाकर उसकी भरपाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में मिट्टी भरने का काम पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद पत्थरों से पै¨चग का काम शुरू होगा और बरैनी तक पिच रोड बनाई जाएगी। इस समय अप्रोच रोड के निर्माण में पांच हाइवा ट्रकें, पीडब्ल्यूडी के दो वाहन, एक जेसीबी मशीन और दो पोकलैंड मशीनों से काम कराया जा रहा है। वहीं मजदूरों की संख्या बढ़ाई गई जो कि अप्रोच रोड की पिचरोड बनाने के काम में जुट गए हैं। पानी छिड़काव किया गया

मिट्टी भराई के लिए आ जा रही लोडेड गाड़ियों से सड़क पर करीब दो फीट पर धूल जमा हो गई थी। रविवार को जलनिगम के दो टैंकरों से पूरी सड़क पर पानी डाला गया जिससे ट्रकों को निकलने में सहूलियत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि पिच रोड के लिए सड़क के किनारे बाउंड़ी बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। मिट्टी डालने का काम खत्म होते ही पिचरोड बनने लगेगी। यह सड़क बरैनी-कछवां मार्ग तक लगभग एक किलोमीटर लंबी है जिसमें एक जगह अभी बड़ा गड्ढा है जिसे पाटा जाना शेष है। यह काम भी जल्द पूरा किया जाएगा। बाक्स-------दो शिफ्ट में काम कराने की मांग

जासं, कछवां (मीरजापुर) : बारह वर्षों के लंबे इंतजार के बाद जागरण अभियान से बने जनदबाव को देखते हुए कार्यदायी संस्था द्वारा काम में तेजी लाने का प्रयास किया गया है लेकिन अभी लोगों को संशय है कि पुल चालू हो जाएगा। वाहन बढ़ाए गए हैं और सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक काम कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मांग है कि काम में तेजी लाने के लिए दो शिफ्ट में दिन-रात काम कराया जाए तभी तय समय सीमा तक पुल के अप्रोच रोड का काम हो पाएगा। कछवां के अविनाश रस्तोगी व राजा सेठ ने कहा कि रात के समय यह लाइट की व्यवस्था करके भी मिट्टी पाटने का काम किया जा सकता है जिससे जल्दी हो जाएगी लेकिन कार्यदायी संस्था अभी भी कच्छप गति से ही काम करने में मशगूल है। वहीं आनंद केशरी, पवन मिश्र, रमाशंकर ¨सह, आशीर्वाद मोदनवाल ने प्रशासन से दिन रात काम कराने की मांग की है। -------------

जनपदवासी बोले

अब जाकर प्रशासन की नींद टूटी है और काम होता दिख रहा है। यदि यही काम महीने भर पहले से शुरू कर दिया गया होता तो आज लोगों को इतनी समस्या नहीं झेलनी होती।

हरिलाल ¨बद, पूर्व सचिव, बार एसोसिएशन

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आज हम तकनीकी के युग में जी रहे हैं और ऐसे समय में काम में देरी होना कई सवाल खड़े करता है। कार्यदायी संस्था को और गाड़ियां बढ़ानी चाहिए, श्रमिक बढ़ाने चाहिए ताकि समय से काम पूरा हो सके।

जटाधर द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता

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समस्या यह है कि कार्यदायी संस्था ने गैर जिम्मेदारी से काम किया है और उसे अधिकारी देखते रहे। आज जब समाचार पत्र के माध्यम से आवाज बुलंद की गई तो काम शुरू हुआ है।

- ¨पकू गुप्ता, व्यवसायी

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हमारी मांग है कि भटौली के पक्के पुल को जल्द से जल्द जनता के लिए खोल दिया जाए। ताकि हजारों लोग जो जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं, उन्हें सहूलियत मिल सके।

- रमेश ¨बद, नागरिक

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भटौली का पक्का पुल प्रशासनिक लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है। बारिश बीते दो महीने हो गया और प्रशासन ने यहां के लोगों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।

- अशोक गुप्ता, व्यवसायी

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वाराणसी और मीरजापुर के बीच की दूरी को कम करने वाले इस पुल को अब तक बन जाना चाहिए था लेकिन ऐसा हो नहीं सका। जागरण अभियान ने प्रशासन की आंखें खोली हैं तब जाकर काम शुरू हुआ। अब इसके खत्म होने का इंतजार है।

-राजेंद्र प्रसाद, नागरिक


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