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अफसरों का अनूठा प्रयास, जल संरक्षण को बन रहे मिसाल

जागरण संवाददाता मीरजापुर कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबिय

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 08:11 PM (IST)
अफसरों का अनूठा प्रयास, जल संरक्षण को बन रहे मिसाल
अफसरों का अनूठा प्रयास, जल संरक्षण को बन रहे मिसाल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों., उक्त पंक्तियां आइएएस अधिकारियों पर भी सटीक बैठती हैं। विध्य की धरा पर जल संरक्षण के लिए जल संचय जीवन संचय अभियान के तहत बीते वर्ष मीरजापुर में विशेष अभियान चलाया। अभियान के तहत जनपद में 19 गांव से गुजरती 24 किलोमीटर लंबी कर्णावती नदी के जीर्णाेद्धार के साथ ही गंगा नदी में पानी की अविरल प्रवाह हेतु सफाई एवं गहराई का कार्य कराया गया था। कर्णावती नदी के जीर्णाेद्धार से रिचार्ज होकर छानबे क्षेत्र के इन 19 गांवों में भूमिगत जल स्तर बढ़ गया है। इसके साथ ही नदी के दोनों तटों पर पौधारोपण, 19 गांव में पानी की व्यवस्था के लिए चकबंदी व अभियान चलाकर जल संचय के प्रति लोगों में जागरूक भी किया। इसके लिए पहले तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग पटेल और सीडीओ प्रियंका निरंजन ने लोगों को साथ जोड़ते हुए जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम किया। अब सीडीओ अविनाश सिंह ने इसे आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल और जल शक्ति मंत्रालय की मंशा को पूर्ण करने के लिए वर्तमान सीडीओ अविनाश सिंह द्वारा मनरेगा योजना के तहत तालाबों का सुंदरीकरण व जीर्णाेद्धार अभियान को अनवरत आगे बढ़ाया जा रहा है। नए वर्ष में खेत तालाब, तालाबों का अभियान चलाकर सुंदरीकरण व जीर्णाेद्धार कराया जाएगा।

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5982 व्यक्तिगत लाभार्थीपरक होंगे कार्य

जल संरक्षण सहित चतुर्दिक विकास के लिए जनपद में 5982 लाभार्थीपरक कार्य जिला प्रशासन द्वारा कराया जाएगा। इससे लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया होंगे साथ ही जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी होगी।

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खेत तालाब से सुधरेगी भूगर्भ की सेहत

जनपद खासकर पठारी क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके लिए शासन-प्रशासन द्वारा अनवरत प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद में इस वर्ष व्यक्तिगत लाभार्थीपरक लगभग 250 खेत तालाब बनवाने की योजना हैं। योजना के तहत प्रति खेत तालाब दो लाख खर्च होने का अनुमान है।

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पेयजल समस्या दूर करने में सहायक होगी बंधी व सिचाई नाली

वर्तमान वर्ष में सिचाई के लिए 150 नाली और लगभग 10 बंधी का निर्माण कराए जाने की योजना है। नाली और बंधी भी पेयजल के गिरते जल स्तर को सुधारने में काफी सहायक होगा।

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2221.65 करोड़ से सुधरेगी पेयजल व्यवस्था

जल संरक्षण के साथ ही सरकार जनपद के 1605 गांवों में 2221.65 करोड़ की लागत से पेयजल व्यवस्था को भी सुधारने की कवायद में जुटी हुई है। योजना के मूर्तरूप लेने के बाद लगभग 141 एलएलडी पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (एसडब्लूएसएम) के योजना के तहत विध्याचल मंडल के मीरजापुर व सोनभद्र जनपद में ग्रामीण घरों में पाइप लाइन से पानी आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही पूर्व में प्रचलित 62 परियोजनाओं को मजबूत किया जा रहा है।


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