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स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो का जहां मंद पड़ गया नारा

नल से दूषित व बदबूदार पानी निकलते तो देखा होगा लेकिन अब नल से मल भी निकलने लगा है। यह हाल नगर के वार्ड 11 की है। यहां स्वच्छ रहो स्वस्थ रहो का नारा मंद है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 10:49 PM (IST)
स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो का जहां मंद पड़ गया नारा
स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो का जहां मंद पड़ गया नारा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नल से दूषित व बदबूदार पानी निकलते तो देखा होगा लेकिन अब नल से मल भी निकलने लगा है। यह हाल नगर के वार्ड नंबर 11 की है। यहां स्वच्छ रहो, स्वस्थ रहो का नारा मंद पड़ गया है। मोहल्लवासियों का कहना है कि अमृत योजना के तहत स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से मोहल्ले में पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढे खोदते समय सीवर तोड़ दिया गया। इससे नल के माध्यम से लोगों के घरों तक सीवर का मल पहुंच रहा है। इतना ही नहीं गड्ढा खोदने के बाद सड़क को वैसे ही छोड़ दिया गया, जो अब राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है। बीच सड़क पर बने चैंबर भी खुले पड़े हैं। इससे वहां से गुजरने वाले वाहन चालक गिरकर घायल हो रहे हैं। मरम्मत के अभाव में पहले से ही बदहाल सड़कें बरसात के बाद खतरनाक हो गई हैं। सड़क पर बने गड्ढों में कीचड़ भरे जलजमाव से राहगीरों को आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों से मुक्ति दिलाने की मांग पर विभागीय अधिकारी संजीदगी का परिचय नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों में रोष है। सबरी से लेकर नटवां तक सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। यहां तक कि पानी निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। नालियां पूरी तरह पटी हुई है। मार्ग पर बने गड्ढे राहगीरों के लिए पहले से ही मुसीबत का सबब बने हुए थे कि इस बीच मानसूनी बरसात के बाद गड्ढे कीचड़युक्त गंदे पानी से लबालब हो गए हैं। उसमें उलझकर बाइक व साइकिल सवार चोटिल हो रहे हैं। चार पहिया वाहनों के आवागमन के दौरान पैदल व साइकिल से यात्रा कर रहे लोगों के कपड़े गंदे पानी से सन जाते हैं। इसे लेकर आएदिन विवाद की नौबत भी देखी जा रही है। उधर सड़क पर जगह-जगह जमा गंदा पानी संक्रामक बीमारियों का भी वाहक बना हुआ है। यही स्थित बसहीं मोहल्ले का भी है। हालांकि यहां तो सीवर का कार्य किया जा रहा है। बरसात की वजह से कार्य ठप है। कहीं विद्युत पोल टूटे पड़े हैं तो कहीं किसी के छत उड़ गए हैं। वहीं राहगीरों का कहना है कि कीचड़ व गड्ढायुक्त सड़कों पर चलना मुसीबत बन गई है। धैर्य से न चले तो कीचड़ अपना शिकार बना लेगी। आखिर राहगीरों को इस मुसीबत कब निजात मिलेगी। आएदिन लोगों पर इन मुसीबत का शिकंजा गुजरता रहता है। मार्ग की दुर्दशा को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों का कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

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--------------------------------------- क्या बोले मोहल्लावासी---------------

- नालियां पटी पड़ी हैं। नियमित साफ-सफाई न होने से गंदा पानी सड़कों पर ही भरा रहता है।

नितेश मिश्रा

- सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। इससे यहां संक्रामक रोग फैलने की संभावना बनी हुई है।

भुवाल बिद

- यहां स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है। नियमित साफ-सफाई कराने की जरूरत है।

अजय भारती

- जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इन्हें उठाने वाला कोई नहीं है। स्थानीय लोग कभी-कभार सफाई अभियान चलाकर इन्हें साफ करते हैं।

रविद्र यादव

- मार्ग के बदहाल होने से राह चलना मुश्किल है। मरम्मत के लिए जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।

मुन्नीलाल

- सीवर टूट जाने के कारण पानी के नल से मल निकल रहा है। इससे लोग काफी परेशान हैं।

कृपाशंकर यादव

- हम लोग हमेशा इस मार्ग से गुजरते हैं। जलजमाव होने के कारण नटवां रेलवे अंडरब्रिज के ऊपर से रेलवे ट्रैक पार करके आना पड़ता है। इससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है।

विध्यवासिनी प्रसाद मौर्या

- मार्ग पर जलजमाव व कीचड़ होने से काफी परेशानी हो रही है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

विरेंद्र कुमार

- पानी निकासी की व्यवस्था न होने से हल्की बारिश में भी मार्ग पर जलजमाव हो जाता है। इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।

एसपी ओझा

- कीचड़युक्त मार्ग पर आएदिन राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। आखिर ऐसा कबतक चलेगा।

संतोष सोनकर

- कई बार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन आजतक कोई संज्ञान नहीं लिया।

अश्वनी मौर्या

- पानी निकासी की तो बात दूर चलने के लिए सड़क भी नसीब नहीं है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश आगे कैसे बढ़ेगा।

ओमप्रकाश तिवारी

- इस समय यदि हम चाहें कि सबरी से नटवां की ओर जाना है तो काफी सोचना पड़ता है। जलजमाव के कारण लोग मार्ग पर चलना ही नहीं चाहते।

विनोद यादव

- सड़क निर्माण के लिए कई बार मांग की गई लेकिन आजतक कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन कीचड़युक्त सड़क पर चलना पड़ता है।

सत्यनारायण मौर्या

- शिकायत करते-करते थक गए। कोई सुनता ही नहीं तो क्या करें। इसलिए शिकायत करना भी बंद कर दिए।

राजकुमार सोनकर

- अगर सड़क का निर्माण करा दिया जाए तो राहगीरों को काफी राहत होगी। साथ ही मोहल्लावासियों को भी।

मोहन कुमार मौर्या

- पानी निकासी की व्यवस्था अतिआवश्यक है, क्योंकि नालियां पटे होने से घरों का गंदा पानी मार्ग पर ही बहता रहता है।

अशोक मौर्या

- रेलवे अंडरब्रिज के पास पानी निकासी की व्यवस्था की जाए तो राहगीरों को रेलवे ट्रैक के ऊपर से नहीं गुजरना पड़ेगा।

राजेश सोनकर


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