Move to Jagran APP

अस्पताल खुद बीमार, कैसे हो मरीजों का इलाज

जमुई स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह अस्पताल खुद ही बीमार है तो रोगियों का इलाज कैसे होगा। कहने को तो डा. सुरेश चंद्र व डा. नीरज मिश्रा की नियुक्ति है लेकिन यदा-कदा ही एक डाक्टर के दर्शन अस्पताल में होते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:12 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:12 PM (IST)
अस्पताल खुद बीमार, कैसे हो मरीजों का इलाज
अस्पताल खुद बीमार, कैसे हो मरीजों का इलाज

जागरण संवाददाता, मड़िहान (मीरजापुर) : क्षेत्र के जमुई स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह अस्पताल खुद ही बीमार है तो रोगियों का इलाज कैसे होगा। कहने को तो डा. सुरेश चंद्र व डा. नीरज मिश्रा की नियुक्ति है, लेकिन यदा-कदा ही एक डाक्टर के दर्शन अस्पताल में होते हैं। अस्पताल की दीवारें कभी भी जमींदोज हो सकती हैं।

prime article banner

बुधवार की सुबह नौ बजे तक अस्पताल में कोई भी डाक्टर उपस्थित नहीं था, बल्कि वार्ड ब्वाय विनोद सिंह अस्पताल की देखभाल में जुटे हुए थे। अस्पताल पर ताला जड़ा हुआ था पूछने पर बताया कि एक चिकित्सक आज नहीं आएंगे तो दूसरे चिकित्सक का आज टर्न ही नहीं है। दो जगह तैनाती होने के कारण कभी-कभी आते हैं। ऐसे में क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए बीएचयू या जिला मुख्यालय का सफर करना पड़ता है। वर्जन--

प्रतिदिन अस्पताल में 50 से 60 मरीजों का उपचार किया जाता है। वहीं अस्पताल भवन मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों से बजट की मांग की है। बजट मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

डा. सुरेशचंद्र, प्रभारी राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल जमुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.