सेंट्रल विस्टा की शोभा बढ़ाएगा विंध्यनगरी का कालीन
संसद के लिए प्रतिष्ठित ओबीटी कंपनी से आपूर्ति हो रही तकरीबन पांच करोड़ में 4400 वर्ग मीटर कालीन।
सेंट्रल विस्टा की शोभा बढ़ाएगा विंध्यनगरी का कालीन
सतीश रघुवंशी, मीरजापुर : विंध्यनगरी के कालीन ने एक बार फिर देश-प्रदेश में मीरजापुर का मान बढ़ाया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) में शुमार यहां का कालीन शीघ्र ही सेंट्रल विस्टा की शोभा बढ़ाएगा। सेंट्रल विस्टा के निर्माण को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए शहर की प्रतिष्ठित व 1920 में स्थापित ओबीटी प्रा.लि. से करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से तैयार 4,400 वर्ग मीटर के 290 कालीन भेजे जा रहे हैं। आर्डर मिला तो रिकार्ड समय छह माह में कंपनी ने शानदार गद्दीदार कालीन तैयार किया। इसे वहां भेजा भी जा चुका है।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> मीरजापुर का कालीन देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। ओडीओपी के तहत पंजीकृत कर प्रदेश सरकार ने इस कारोबार को नया आयाम दिया। इसके बाद से कालीन-दरी उद्योग को लेकर व्यवसायियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और कालीन की गुणवत्ता और बेहतर हुई। बुनकरों को रोजगार भी मिलने लगा। 28 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान गए तो वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो एबी (अब दिवंगत) को मीरजापुर की कलात्मक कालीन-दरी भेंट की। इससे विश्व पटल पर जिले की शान और बढ़ी। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> करीब छह माह पहले टाटा कंपनी के माध्यम से केंद्रीय एजेंसी ने ओबीटी कंपनी के कालीन की गुणवत्ता परखी। सभी पहलुओं पर जांच-परख के बाद टाटा कंपनी की ओर से अनुबंध किया गया। 15 अगस्त को सेंट्रल विस्टा (नया संसद भवन) के लोकार्पण की तैयारी को लेकर कालीन जल्द से जल्द तैयार करने को कहा गया। ओबीटी प्रा.लि. कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (अकाउंट एंड फाइनेंस) विवेक अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ छह माह में बड़े-बड़े साइज के गुणवत्तापूर्ण कालीन तैयार करना बेहद कठिन लक्ष्य था, लेकिन हमने इसे पूरा किया।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>...<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>न्यूजीलैंड वूल से बनाया गया सेंट्रल विस्टा के लिए कालीन<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>नए संसद भवन में सांसदों के स्वागत के लिए ओबीटी कंपनी ने न्यूजीलैंड से वूल (ऊन-धागे) मंगाए। इनकी कई स्तरों पर जांच की गई। प्रोडक्शन हेड सुधीर राय ने बताया कि सबसे बड़ा सेट 40 गुणे 25 फीट का बनाया गया। अगर कहीं तनिक भी खराबी आ जाए तो पूरा सेट बेकार हो जाता है। ऐसे में हैंडलूमों में प्रतिदिन निगरानी की जाती रही। इसकी फिनिशिंग, स्ट्रेचिंग, वाशिंग बहुत ही चुनौतीपूर्ण रही। कम समय होने के कारण दो शिफ्टों में बुनकरों को लगाया गया।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न><ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ा रहा मीरजापुर का कालीन<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>कालीन निर्माता कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट विवेक अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 1992 में राष्ट्रपति भवन के लिए भी कंपनी की ओर से कालीन आपूर्ति की गई थी। यहीं का कालीन विज्ञान भवन की शोभा भी बढ़ा रहा है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>........<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सेंट्रल विस्टा के लिए ओबीटी प्रा.लि. से कालीन मंगाए गए हैं। इससे ओडीओपी में शामिल जिले की कालीन-दरी को बढ़ावा मिलेगा। यहां के व्यापारियों व बुनकरों का मनोबल बढ़ेगा।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>- अशोक कुमार, उपायुक्त उद्योग मीरजापुर<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न><ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न><ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>