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तीस किलोमीटर की दूरी तय करें तब तो बिके धान

: विकास खंड क्षेत्र के पूर्वी क्षेत्र में कोई भी धान क्रय केंद्र नहीं खुले है। इस क्षेत्र के अधिकांश किसान आन लाइन कराकर खरीद केंद्र को खुलने की प्रतीक्षा करते रह गए किन्तु अब तक कही भी केंद्र नहीं खुल सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 11:00 PM (IST)
तीस किलोमीटर की दूरी तय करें तब तो बिके धान
तीस किलोमीटर की दूरी तय करें तब तो बिके धान

जागरण संवाददाता, पटेहरा (मीरजापुर) : विकास खंड क्षेत्र के पूर्वी क्षेत्र में कोई भी धान क्रय केंद्र नहीं खुले है। इस क्षेत्र के अधिकांश किसान आन लाइन कराकर खरीद केंद्र को खुलने की प्रतीक्षा करते रह गए किन्तु अब तक कही भी केंद्र नहीं खुल सके। पिछले वर्ष इस क्षेत्र की धान खरीद के लिए आधे दर्जन केंद्र खोले गए थे ¨कतु इस वर्ष सभी सेंटर बंद पड़े है। यहां तक कि पथरौर सहकारी समिति का भी क्रय केंद्र बंद कर दिया गया। यदि धान क्रय केंद्र पर बेचना हो तो किसान को कलवारी या मड़िहान तक ले जाना होगा। जो 25-30 किलोमीटर की दूरी तय करना होगा। उससे भी जटिल समस्या नंबर लगाने की है। चालू सेंटरों पर इस समय नौ सौ से ऊपर के नंबर लग रहे है। इससे लाचार किसान व्यापारियों को औने-पौने दामों में धान को बेचने को विवश हैं। किसानों ने बयां की पीड़ा

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खरीद केंद्र का बोरा गांव-गांव घर-घर घूम रहा है ¨कतु खरीद केंद्र पर बोरा नदारद है देखना हो तो संतनगर के केंद्र पर देख ले जहां किसान को बेचना है तो बोरा नहीं और बनिया की खरीद चालू है।

किसान दुर्गा प्रसाद दुबे। खरीद केंद्र पर उदासीन होकर व्यापारियों के हाथ 1400 में धान बेचने की मजबूर है। अगर न बेचे तो दूसरी खेती पर प्रभाव पड़ेगा। साथ ही घर में शादी है तो ऐसे में समस्या सामने है।

किसान शोभनाथ मौर्य। टीवी व रेडियो सुन कर बहुत दिन तक सरकारी खरीद की प्रतीक्षा किया ¨कतु अब थक हार कर बनिया को 1500 रुपये में बेच दिया है। सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। आगे के चुनाव में सबक सिखायेंगे।

किसान विजय कुमार पटेल। बीज वालों का धान बोये थे ¨कतु वे भी 1580 में खरीद की बात किए अब मजबूरी में उन्हें ही देना होगा। जबकि मंहगे दाम पर बीज लेकर खेती किया वह भी नहर में पानी नहीं आया। फसल सूख गई अब दाम भी कम मिल रहा।

किसान केवला प्रसाद। समाचार सुन ठगा गया पार्टी के नेता भी चुप्पी साधे है। सरकार तो आय दोगुना करने का वादा कर रही है लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है।

किसान नंदलाल। सरकार के शिकंजे से ज्यादा त्रस्त है। उनके द्वारा खरीद केंद्र से लेकर बिजली, पानी और केसीसी के ऋण की अदायगी तक लूट खसोट चालू है किन्तु सरकारी अमला तथा जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे है। जिनकी ़खबर 2019 में लिया जाएगा।

किसान जीतनारायण मिश्र। -----वर्जन

तहसील में 18 खरीद केंद्र की जिले से सूची मिली है जिसकी मानिट¨रग की जा रही है अब नए केंद्र खुलने के आसार नहीं दिख रहे। हालांकि किसानों की समस्याओं को डीएम तक पहुंचा दिया जाएगा।

सविता यादव,एसडीएम मड़िहान।


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