प्रवासी कामगारों को रोजगार देने के नाम पर अपात्रों का चयन
मझवां में विभिन्न प्रांतों से आए प्रवासियों ने लगाए आरोप मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए डी
मझवां में विभिन्न प्रांतों से आए प्रवासियों ने लगाए आरोप
मामले की जांच कर कार्रवाई के लिए डीएम से की मांग जागरण संवाददाता, मझवां (मीरजापुर) : विकास खंड क्षेत्र के समस्त ग्राम पंचायतों में सरकार की महत्वाकांक्षी गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत गरीब पात्र व प्रवासी श्रमिकों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। योजना अपात्र व ग्राम प्रधान के करीबियों की भेंट चढ़ गई है। कोरोना काल में आए प्रवासी आज भी रोजगार के लिए परेशान हैं लेकिन उन्हें गांव में रोजगार मुहैया नहीं हो पा रहा है। यह आरोप लगाते हुए क्षेत्रीयजनों के अलावा प्रवासियों ने जिलाधिकारी से मामले की जांच कर कार्रवाई करते हुए पात्रों को रोजगार मुहैया कराने की मांग की है।
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि सरकार की मंशा थी कि अंत्योदय लाभार्थी, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लाभार्थी, प्रवासी श्रमिक और लघु सीमांत कृषक, अनुसूचित व अनुसूचित जनजाति हेतु मुर्गी पालन शेड, भेड़ बकरी शेड, सूकर शेड, गाय, भैस पालन शेड आदि मनरेगा द्वारा बनाए जाने हैं। इसके चयन की प्रक्रिया ग्राम पंचायत के सदस्यों की बैठक में तय की जाती है, प्राकलन और जांच अधिकारी ब्लाक के टीए और ग्राम सचिव होते हैं। योजना के चयन से लेकर निर्माण तक के निराकरण में अंतिम मुहर बीडीओ की होती है, लेकिन सरकार लाख प्रयास करें फिर भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा, जो पात्र हैं। क्षेत्र के राजकुमार, कल्लू यादव, रूपनारायन, शिवपूजन, लालजी आदि प्रवासी श्रमिकों ने गलत व मनमानी तरीके से अपात्रों का चयन कर आने वाले चुनाव में व्यक्तिगत लाभ के तहत अपात्रों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
'अगर शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पात्रों को योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
घनश्याम गुप्ता, बीडीओ मझवां।