दस घंटे में मात्र एक शव बरामद, पांच लापता
जागरण संवाददाता मीरजापुर विध्याचल के अखाड़ाघाट पर हुए नाव हादसे में डूबे लोगों की खो
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्याचल के अखाड़ाघाट पर हुए नाव हादसे में डूबे लोगों की खोजबीन के लिए गुरुवार को दस घंटे तक सर्च अभियान चलाया गया। बावजूद इसके मात्र बालक के शव को बरामद किया जा सका। पांच लोगों को बरामद करने में एनडीआरएफ समेत अन्य टीमें नाकाम रही। हालांकि देर रात तक घटना स्थल से लेकर तीन किलोमीटर फतहां तक लापता लोगों की खोजबीन की गई, फिर भी उनके हाथ कुछ नहीं लगे। बुधवार की दोपहर अखाड़ाघाट पर सवारियों से भरी एक नाव अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इसमें बिहार विकास ओझा व झारखंड के राजेश तिवारी के परिवार के 12 लोगों के साथ नाविक व फोटोग्राफर समेत कुल 14 सवार थे। इसमें से छह दर्शनार्थी बचा लिए गए, जबकि तीन बच्चों समेत छह लोग डूब गए थे।
एनआरडीएफ के प्रभारी मिथलेश कुमार के नेतृत्व में तीन टीमें गंगा में डूबे लोगों की खोजबीन करने के लिए अलग-अलग मोटरबोट से गंगा में उतरी। सभी लोग घटना स्थल से लेकर फतहां तक लापता लोगों की तलाश करते रहे ,लेकिन कहीं किसी का पता नहीं चला। शाम चार बजे किसी ने बताया कि एक बालक का शव फतहां घाट पर उतराया हुआ है। जानकारी होते ही तत्काल एनडीआरएफ की टीम वहां पहुंची और शव को बाहर ले आई। उसकी पहचान शौर्य ओझा (तीन) पुत्र विकास ओझा निवासी बिहार जनपद बक्सर थाना सेमरी क्षेत्र के सीहनपुर के रूप में की गई। बालक का शव देखते ही परिजन रोने-बिलखने लगे। अन्य लोगों के बरामद न होने पर नाराजगी भी जताई। कहा कि प्रशासन लापरवाही से कार्य कर रहा है। खोजबीन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। सभी लोग शव के ऊपर के आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उसे वे बरामद कर अपनी वाहवाही लूट सके। पुलिस ने बताया कि अभी भी खुशबू (30) पत्नी विकास ओझा, अनीशा (26), गुड़िया (28), सत्यम (7), दीपक की तीन माह की एक पुत्री अभी लापता हैं।