न्याय की आस में भटक रहा ग्रामीण
थाना क्षेत्र के महंगीपुर गांव के राम लखन अग्रहरि को लगभग 40 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिल पाया। उन्होंने बताया कि गांव में ही वर्ष 1979 में पांच बिस्वा जमीन बैनामा करा कर उस पर कच्चा घर बना कर परिवार सहित रहा करते हैं। उसी जमीन को लेकर पड़ोसी से विवाद हो गया।
जासं, चील्ह (मीरजापुर) : थाना क्षेत्र के महंगीपुर गांव के राम लखन अग्रहरि को लगभग 40 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिल पाया। उन्होंने बताया कि गांव में वर्ष 1979 में पांच बिस्वा जमीन बैनामा करा कर उस पर कच्चा घर बना कर परिवार सहित रहते हैं। उसी जमीन को लेकर पड़ोसी से विवाद हो गया। पड़ोसी ने सात फरवरी 1981 को एसडीएम सदर के यहां दावा दाखिल किया। एसडीएम सदर ने दोनों के विवाद को देखते 12 मार्च को 145 के तहत कार्रवाई की। एसडीएम सदर ने 34 वर्ष बाद दफा 145 की कार्रवाई के प्रभाव से मुक्त कर दावा खारिज कर दिया। तब तक कच्चा घर खंडहर हो चुका था। जिलाधिकारी द्वारा भी विपक्षी के दावे को खारिज कर दिया गया। इसके पश्चात जब राम लखन अग्रहरि ने घर बनवाना चाहा तो पड़ोसी ने कुछ जमीन अतिक्रमण कर घर बनाने से रोक दिया। पीड़ित ने आरोप लगाया, बताया कि तब से अब तक मुख्यमंत्री से लेखपाल, तहसील दिवस से लेकर समाधान दिवस तक न्याय की गुहार में पत्राचार करते रहे। किन्तु न्याय में उन्हें मात्र जांच प्रक्रिया में उलझी पत्रावली और उन्हें दौड़-धूप ही मिला।