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ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

ग्रामीण क्षेत्र के युवाओ को रोजगार के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र के युवा गांव में ही केले की खेती करके आत्म निर्भर बन सकते है साथ ही अन्य युवाओं को रोजगार भी प्रदान कर सकते है। इसके लिए युवाओं को उद्यान विभाग के मिशन योजना का लाभ उठाना होगा। मिशन योजना के तहत उद्यान विभाग द्वारा केले की खेती करने वाले किसानों को दो वर्षो में लगभग 100 प्रतिशत अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान समय में जिले में 39 किसान केले की खेती कर मिसाल बन रहे है साथ ही अन्य किसानों को भी केले की खेती के लिए प्रेरित कर रहे है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:12 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 11:02 PM (IST)
ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए नहीं पड़ेगा भटकना
ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्र के युवा गांव में ही केले की खेती करके आत्म निर्भर बन सकते हैं साथ ही अन्य युवाओं को रोजगार भी प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उद्यान विभाग के मिशन योजना का लाभ उठाना होगा। मिशन योजना के तहत उद्यान विभाग द्वारा केले की खेती करने वाले किसानों को दो वर्षो में लगभग 100 फीसद अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान समय में जिले में 39 किसान केले की खेती कर मिसाल बन रहे हैं साथ ही अन्य किसानों को भी केले की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसमें उद्यान विभाग की मिशन योजना काफी लाभकारी साबित हो रही है। योजना प्रभारी पुष्पेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि योजना के तहत जनपद में 25 हेक्टेअर में केले की खेती करने का लक्ष्य शासन से मिला था। इसके लिए किसानों खासकर युवाओं को प्रेरित किया गया, जिसके चलते राजगढ़, हलिया, छानबे सहित जिले भर में लगभग 39 किसान केले की खेती कर रहे है। केले की खेती के दौरान फसलों की ¨सचाई स्प्रिंकलर विधि से की जाती है, जिससे कम बरसात या नहर नही चलने के चलते किसानों को ¨सचाई समस्या का सामना नही करना पड़ता है। बताया कि किसान प्रति हेक्टेअर 3086 केले के पौधे लगाते है। एक हेक्टेअर केले की खेती करने में लगभग 46 हजार का खर्च आता है। केले की बोआई से कटाई तक लगभग 14 महीने का समय लगता है। फसल तैयार होने पर किसानों को शुद्ध रूप से चार से पांच लाख का मुनाफा होता है। इसके साथ ही सरकार द्वारा किसानों को पहले वर्ष 75 और दूसरे वर्ष 25 फीसद का अनुदान भी दिया जाता है।

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केले की खेती कर रहे 39 किसान

मीरजापुर : उद्यान विभाग द्वारा प्रेरित करने से जनपद में 39 किसान केले की खेती कर रहे हैं। जनपद के राजगढ़ में राधेश्याम ¨सह, विश्राम ¨सह, हलिया के सोनगढ़ा में चंद्रावती और पारसनाथ, बौड़रा में अमर बहादुर, मतवार में महादेव और सुखचंद्र ¨सह, बरगड़ा में लालजी, छानबे ब्लाक में शंकर दयाल ¨सह और विरोही में शमशेर बहादुर ¨सह केले की खेती करके आत्म निर्भर बन रहे है। -

एक नजर

जनपद में लक्ष्य - 25 हेक्टेअर ।

केले के पौधे पर प्रति हेक्टेअर खर्च - 46 हजार।

अनुदान - 100 फीसद।

समय - 14 माह।

पहले वर्ष - 75 व दूसरे वर्ष 25 फीसद

मुनाफा प्रति हेक्टेअर - चार से पांच लाख।

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किसान व्यावसायिक खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। केले की खेती कम बरसात या पानी की कमी वाले स्थानों पर ज्यादा कारगर है। ग्रामीण युवा बाहर जाकर नौकरी करने की बजाए गांव में ही केले की खेती करें, इससे प्रति वर्ष किसान चार से पांच लाख रूपया लाभ अर्जित कर सकते है।

-मेवा राम, जिला उद्यान अधिकारी।


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