राम का चरित्र सभी के लिए अनुकरणीय : प्रेमनिधि
क्षेत्र के कठवार गांव में चल रहे रामकथा के दूसरे दिन वृंदावन से आए कथावाचक प्रेमनिधि महराज ने कहा कि राम का चरित्र गृहस्थ जीवन की प्रक्रिया और घर-घर के लिए अनुकरणीय है। जिसके सहारे संबंधों के मापदंड बनते हैं।
जासं, लालगंज (मीरजापुर): क्षेत्र के कठवार गांव में चल रहे रामकथा के दूसरे दिन वृंदावन से आए कथावाचक प्रेमनिधि महराज ने कहा कि राम का चरित्र गृहस्थ जीवन की प्रक्रिया और घर-घर के लिए अनुकरणीय है। जिसके सहारे संबंधों के मापदंड बनते हैं। घर परिवार की सभी प्रकार क्रियाएं आदर्श से भरी है।उन्होंने कहा कि इसके सहारे गरीब संपन्न परिवार का समान व्यवहार निर्माण होता है। जिसमें किसी प्रकार का भेद नहीं होता है।
महराज ने कहा कि घरेलू वातावरण में रामकथा परिवार निर्माण की गतिमान व्यवस्था है। इसमें खासियत ये कि बुजुर्गों को प्रमुखता से सम्मान है। आधुनिक व्यवस्था में बुजुर्ग की शक्ति इस कथा से उभरती है। इसके सुनने से परिवार के सभी सदस्यों के बराबर सम्मान व अधिकार सुरक्षित रहते हैं। कोई भी परेशानी व्यक्तिगत नहीं होती है बल्कि सामूहिक होती है। जिसके कारण परिवार शक्तिशाली समझदार महत्वपूर्ण बना रहता है। कहा कि रिश्तों की समझदारी मन मस्तिष्क में अपने पारिवारिक संस्कार से मिलती है। इस कथा के नहीं सुनने से पारिवारिक विघटन और सर्वार्थ का बोलबाला बढ़ता है। इस अवसर पर लालजी तिवारी, शंभूनाथ तिवारी, रामजी सिंह, श्यामजी आदि उपस्थित रहे।