पं. श्रीकांत मिश्रा ने 15 वर्ष में काटी थी 16 दिनों की जेल
श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौर में 30 साल पहले चुनार नगर के रामभक्तों का जोश भी उफान पर था। वर्तमान में काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पं. श्रीकांत मिश्र कुशल उस समय 15 वर्ष के किशोर थे और स्थानीय स्तर पर बजरंग दल के संयोजक थे। अब जब राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ हो गया है तो मन पुलकित और प्रफुल्लित है कि अब प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा।
फोटो : 29--जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौर में 30 साल पहले चुनार नगर के रामभक्तों का जोश भी उफान पर था। वर्तमान में काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक पं. श्रीकांत मिश्र कुशल उस समय 15 वर्ष के किशोर थे और स्थानीय स्तर पर बजरंग दल के संयोजक थे। अब जब राम मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ हो गया है तो मन पुलकित और प्रफुल्लित है कि अब प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा।
उन्होंने बताया कि 1990 में प्रभु श्रीराम मंदिर आंदोलन को लेकर मन में जो भावनाएं थी उसे शब्दों में बताना मुश्किल है। नगर व आसपास युवाओं के साथ राम मंदिर आंदोलन का बिगुल फूंका था। पंडित ने बताया कि 30 अक्टूबर को अयोध्या के लिए जाते समय उनके समेत चुनार के लगभग एक दर्जन लोगों को पुलिस ने लाठियां बरसाते हुए प्रतापगढ़ में पकड़ लिया गया और वहीं जिला कारागार में डाल दिया गया। बाद में प्रतापगढ़ जेल में जगह कम पड़ने पर नैनी भेजा गया और नैनी से फिर प्रतापगढ़ भेज दिया गया। बताते हैं कि सोलह दिन जेल में काटने के दौरान चुनार के समूह में सबसे छोटे वहीं थे। जेल काटने के दौरान उनके साथ भाजपा नेता औषधीश रस्तोगी, राजेंद्र प्रजापति, सुरेश गुप्ता, रामपुर के अनिल सिंह आदि थे।