मछली पालन को बढ़ावा देने से मछुआरों की आमदनी में होगा इजाफा
पथरहिया स्थित विकास भवन में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम (नेशनल रिवर रैचिग प्रोग्राम) का शुभारंभ व जन जागरूकता गोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को हुआ। सीडीओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने अलंकारिक मत्स्य उत्पादन मत्स्य अपशिष्ट जल का कृषि सिचाई में प्रयोग मत्स्य विभाग को ग्रामीण विकास विभाग के मध्य कन्वर्जेंस के माध्यम से पंगेशियस सीड व फीड को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार करने के लिए आश्वासन दिया। इसका उद्देश्य मछली पालन को बढ़ावा देने और मछुआरों की आमदनी में इजाफा करना है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पथरहिया स्थित विकास भवन में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम (नेशनल रिवर रैचिग प्रोग्राम) का शुभारंभ व जन जागरूकता गोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को हुआ। सीडीओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने अलंकारिक मत्स्य उत्पादन, मत्स्य अपशिष्ट जल का कृषि सिचाई में प्रयोग, मत्स्य विभाग को ग्रामीण विकास विभाग के मध्य कन्वर्जेंस के माध्यम से पंगेशियस सीड व फीड को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार करने के लिए आश्वासन दिया। इसका उद्देश्य मछली पालन को बढ़ावा देने और मछुआरों की आमदनी में इजाफा करना है। बढ़ती हुई मानवीय आबादी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की आवश्यकता के कारण मछली की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। इसके बाद नारघाट स्थित गंगा में लगभग 75 हजार मत्स्य बीज छोड़ा गया।
उप निदेशक मत्स्य मुकेश सारंग ने बताया कि पीएमएमएसवाई केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बीते आठ अक्टूबर को गढ़मुक्तेश्वर उत्तर प्रदेश के बृजघाट में कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। राष्ट्रीय स्तर के नदी तटीय कार्यक्रम के शुभारंभ में कुल पांच राज्यों ने प्रतिभाग किया और 8.85 लाख मछली के बच्चों का संचय किया गया। उद्यान निरीक्षक पुष्पेंद्र त्रिपाठी ने मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के साथ बागवानी के लिए प्रेरित किया और लाभ बताया।
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. श्रीराम सिंह ने मत्स्य पालकों को उन्नत किस्म के कृषि बीजों की जानकारी दी। परियोजना सहायक सुनील कुमार झा, प्रतिनिधि निदेशक मत्स्य लखनऊ धर्मेंद्र यादव, एलडीएम अग्रणी बैंक कुमार अजय, मत्स्य निरीक्षक शिव प्रकाश मिश्र, संजय कुमार जायसवाल के साथ मत्स्य पालकों को रिवर रैचिग, प्रतिबंधित शिकारमाही काल, बायोफ्लाक, आरएएस, अलंकारिक मात्सि्यकी परियोजना, पंगेशियस सीड, फिश फीड आदि विषय पर चर्चा की गई।