नहीं भर्ती किए जा रहे अस्पताल में मरीज, परिजनों में आक्रोश
मंडलीय चिकित्सालय में बेड फुल होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसके चलते वे बाहर ही तड़पने को मजबूर हो रहे हैं। काफी प्रयास के बाद किसी तरह उन्हें भर्ती कर लिया जा रहा तो बेड नहीं मिल रहे हैं। हालात बहुत ही खराब है। अवस्था को लेकर परिवार के लोगों में आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय में बेड फुल होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इसके चलते वे बाहर ही तड़पने को मजबूर हो रहे हैं। काफी प्रयास के बाद किसी तरह उन्हें भर्ती कर लिया जा रहा तो बेड नहीं मिल रहे हैं। हालात बहुत ही खराब है। अवस्था को लेकर परिवार के लोगों में आक्रोश है। उनका कहना हैं कि अवस्था के कारण स्थिति बहुत की खराब है। इसका फायदा चिकित्सक भी उठा हरे हैं। सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किए जा रहे निजी चिकित्सालय लूटने का काम कर रहे हैं। फिर बेचारे मरीज किधर जाए। इसपर सरकार को जरूर सोचना चाहिए।
नगर के भटौली से एक मरीज को सांस में लेने में दिक्कत होने पर उसे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराने के लिए परिजन ले आए थे। परिजन इनको भर्ती कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन चिकित्सालय कर्मी उनको भर्ती नहीं कर रहे थे। इसी दौरान मरीज की हालत बिगड़ती गई। एंबुलेंस चालक उसे वाहन में ऑक्सीजन मुहैया कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन ऑॅक्सीजन समाप्त होने के कारण कुछ नहीं कर पाए। इसके चलते उसकी हालत और बिगड़ गई और वह बाहर ही तड़पता रहा। परिजनों की नाराजगी पर उसे अंदर ले जाया गया। ऑक्सीजन लगाया गया, लेकिन तबतक उसकी हालत काफी नाजुक हो चुकी थी। युवक आज भी जीवन मौत के बीच जूझ रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल में बेड फूल हो जा रहे है। जगह नहीं रहने पर मरीजों को भर्ती करने में दिक्कत हो रही है। जगह होते ही उनको भर्ती कर लिया जा रहा है।
डा. कमल कुमार प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मंडलीय चिकित्सालय