पानी बिन सूखी धान की फसल, किसान संकट में
जागरण संवाददाता बरौंधा (मीरजापुर) आसमान में उमड़ते घुमड़ते बादल किसानों के लिए छलावा
जागरण संवाददाता, बरौंधा (मीरजापुर) : आसमान में उमड़ते घुमड़ते बादल किसानों के लिए छलावा साबित हो रहा है। इस समय धान की बालियां निकल रही हैं। ऐसे में धान के खेत में पानी की नितांत आवश्यकता है। पखवारे भर बरसात न होने के कारण धान की फसलें सूखने के कगार पर है।
आकाश में उमड़ घुमड़ कर बादलों की घटा बन रही है लेकिन चमक गरज व बूंदा बांदी की बरसात के बाद मौसम साफ हो जा रहा है। बादलों की लुकाछिपी के खेल से किसान संकट में हैं।
सहकारी समितियों एवं बैंकों से ॠण लेकर खेती करने वाले किसान प्रकृति के कोपभाजन का शिकार हो रहे हैं। रात में बादल दिन में कड़ी धूप से धान की फसल पीली पड़ती जा रही है।अगर मौंसम का यही हाल एक पखवारे तक बना रहा तो धान की पैदावार पर गहरा आघात लग सकता है। क्षेत्र के किसान राजेश मिश्र, निरंजन पांडेय, प्रेमशंकर मिश्र ने बताया कि जनप्रतिनिधियों एवं सिचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही के चलते फसलें चौपट होने के कगार पर पहुंच चुकी है। बांधों में पर्याप्त पानी उपलब्ध होने के बावजूद नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। क्षेत्र की दिघुली, बरौंधा, अतरैला, गंभीरापुर व धनावल माइनर में धरना-प्रदर्शन के बाद भी पानी नहीं छोड़ा गया। इससे लोगों की समूल खेती बर्बाद होती जा रही है। किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए नहरों के टेल तक पानी छोड़वाने की मांग की है।
गौरतलब है कि नहरों में पानी न होने के कारण किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।