चौबीस घंटे में एक मीटर घटा जलस्तर, मुश्किलें अभी कम नहीं
एक दिन स्थिर रहने के बाद गंगा का जलस्तर सोमवार से घटने लगा और चौबीस घंटे में यह करीब एक मीटर तक घट जाएगा। मंगलवार से जलस्तर में और तेजी से घटाव होगा और जल्द ही गंगा चेतावनी बिदु से भी नीचे पहुंच जाएंगी। हालांकि इससे प्रशासन की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ जाएंगी और आम लोगों को भी जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि घटता पानी भी कई तरह की समस्याएं छोड़ता हुआ जाएगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : एक दिन स्थिर रहने के बाद गंगा का जलस्तर सोमवार से घटने लगा और चौबीस घंटे में यह करीब एक मीटर तक घट जाएगा। मंगलवार से जलस्तर में और तेजी से घटाव होगा और जल्द ही गंगा चेतावनी बिदु से भी नीचे पहुंच जाएंगी। हालांकि इससे प्रशासन की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ जाएंगी और आम लोगों को भी जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि घटता पानी भी कई तरह की समस्याएं छोड़ता हुआ जाएगा।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से सोमवार दोपहर दो बजे माप लिया गया तो गंगा खतरे के निशान 77.724 मीटर से नीचे आ गईं थीं। वहीं शाम करीब पांच बजे जलस्तर घटकर 77.400 पहुंच गया और मंगलवार सुबह तक यह चेतावनी बिदु से भी नीचे जा सकता है। अपर जिलाधिकारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि जितनी तेजी से जलस्तर बढ़ा है लगभग उतनी तीव्रता से यह कम भी होता जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे प्रशासन का काम और बढ़ गया है और अधिकारियों को नुकसान का आंकलन व मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। अब बाढ़ क्षेत्र का सर्वे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शुरू किया जाएगा। साथ ही सीएमओ की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की पांच टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगी। वहीं केंद्रीय जल आयोग के अवर अभियंता रवि शंकर सिंह ने कहा कि अभी जलस्तर बढ़ने का कोई पूर्वानुमान नहीं है और यह घटना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को राहत जरुर मिलेगी।
संपर्क मार्गों से कम होने लगा पानी, राहत
जासं, चील्ह : विकासखंड कोन क्षेत्र में गंगा बाढ़ का पानी तेजी से घटने के कारण क्षेत्र के सभी लिक मार्गों पर गंगा बाढ़ का पानी हट गया है। इस पर आवागमन भी उस पर चालू हो गया है। बाढ़ प्रभावित हरसिंहपुर, मल्लेपुर पुरवा, बल्ली परवा की हरिजन बस्ती मठिया आदि गांव में घर के पास गंगा बाढ़ का पानी है। पानी कम होने से क्षेत्र के लोगों का तनाव कम हो गया है कितु भविष्य को लेकर तथा पशुओं के चारा को लेकर सभी चितित दिखाई दे रहे हैं। बाढ़ पीड़ित परिवार अभी भी गांव के दूसरों के घर में अथवा ऊंचाई पर पशु और परिवार को लेकर रह रहे हैं। क्षेत्र के नागरिकों ने गंगा बाढ़ के पानी के वापस हो जाने पर पशुओं तथा परिवार में बीमारियों के संकट से बचाने के लिए जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग किया है।