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निजी चिकित्सालय खोलने के लिए सीएमओ से लें अनुमति

लॉकडाउन के दौरान अब निजी चिकित्सालय व पैथालॉजी खोलने के लिए संचालकों को सीएमओ से अनुमति लेनी होगाी। इसके बाद संचालक को स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ से प्रशिक्षण लेना होगा कि उनके यहां आने वाले मरीज का कैसे जांच और इलाज करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 06:04 AM (IST)
निजी चिकित्सालय खोलने के लिए सीएमओ से लें अनुमति

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लॉकडाउन के दौरान अब निजी चिकित्सालय व पैथालॉजी खोलने के लिए संचालकों को सीएमओ से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद संचालक को स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ से प्रशिक्षण लेना होगा कि उनके यहां आने वाले मरीज का कैसे जांच और इलाज करेंगे। इसके बाद वे अपने संस्थान का संचालन कर पाएंगे। रोक के बावजूद किसी संचालक ने चिकित्सालय या पैथालॉजी खोलने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर कराया जाएगा।

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शासन ने कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए अब निजी चिकित्सालय व निजी पैथालॉजी के संचालन पर रोक लगा दी है। क्योंकि जरूरत पड़ने पर इनका सेवा ली जा सके। साथ ही इनके यहां जांच और इलाज कराकर कोरोना के बारे में जानकारी छिपाने वाले भी प्रकाश में आ जाए। सरकार ने सीएमओ को निर्देशित किया है कि जो निजी चिकित्सालय व पैथालॉजी हैं उनको बंद करा दिया जाए। पहले उनको कोरोना के मरीजों का कैसे पता लगाना है और कैसे जांच करनी है इसके बारे में विभाग में बुलाकर प्रशिक्षण दिया जाए। इसके बाद उन्हें संस्थान खोलने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किए जाए। जो लोग अनुमति लिए बगैर संस्थान का संचालन करते हैं उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाए। शासन से निर्देश मिलते ही सीएमओ ने सभी को सूचना दे दी है। निजी चिकित्सालय और पैथालॉजी के संचालकों को प्रशिक्षण लेने को कहा है। जो लोग प्रशिक्षण ले लेंगे उनको संस्थान खोलने की अनुमति पत्र जारी किए जाएंगे। प्रसव कराने वाली महिला डॉक्टर भी प्रशिक्षण लेंगी। स्वास्थ्य विभाग की माने तो सरकारी चिकित्सालय के डॉक्टरों को इसके बारे में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब निजी चिकित्सालय के डाक्टरों को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए उनको सूचना दी गई है। वर्जन

निजी चिकित्सालय और पैथालॉजी के संचालन पर रोक लगा दी है। पहले उनको प्रशिक्षण लेना होगा फिर अनुमति भी लेनी होगी। इसके बाद ही वे संस्थान का संचालन कर सकते हैं। बगैर अनुमति लेकर कार्य करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

डा. ओपी तिवारी मुख्य चिकित्साधिकारी


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