सीडीओ से स्पष्टीकरण, 40 अफसरों को कठोर चेतावनी
आइजीआरएस व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की प्रगति काफी खराब मिलने पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कड़ी नाराजगी जताया। डीएम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आइजीआरएस की समीक्षा करते हुए 9
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आइजीआरएस व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की प्रगति काफी खराब मिलने पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कड़ी नाराजगी जताई। डीएम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आइजीआरएस की समीक्षा करते हुए 985 डिफाल्टर व 1116 लंबित मामलों का निस्तारण तीन दिन में करने का निर्देश दिया। निस्तारण की काफी खराब प्रगति मिलने पर सीडीओ प्रियंका निरंजन से स्पष्टीकरण मांगा। डायट प्राचार्य, पीओ डूडा, अधिशासी अभियंता जल निगम और बीडीओ पड़री के बैठक में अनुपस्थित रहने तथा निस्तारण की प्रगति कम होने स्पष्टीकरण मांगने व वेतन रोकने का निर्देश अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) यूपी सिंह को दिया गया। साथ ही आइजीआरएस निस्तारण में लापरवाह 40 अधिकारियों को कठोर चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा।
जिलाधिकारी द्वारा विभागवार समीक्षा के दौरान ग्राम्य विकास, पंचायती राज विभाग तथा राजस्व विभाग की प्रगति सबसे खराब मिलने पर मुख्य विकास अधिकारी से भी स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा कि सभी खंड विकास अधिकारी व एडीओ पंचायत, एडीओ विकास की समीक्षा कर स्वयं निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पोर्टल की समीक्षा के दौरान पाया कि डूडा विभाग के पास 344 प्रार्थना पत्र लंबित है। आपूर्ति विभाग में डिफाल्टर की श्रेणी में 91 तथा 444 प्रार्थना पत्र लंबित मिलने पर कडी नाराजगी व्यक्त करते हुए कठोर चेतवानी व स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। खंड विकास अधिकारी छानबे, हलिया, लालगंज, मढंवा, सिटी, नरायनपुर, पहाडी, राजगढ, सीखढ, को कठोर चेतावनी दी। परियोजना निदेशक, डीसी मनरेगा, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी छानवे, लालगंज, नरायनपुर, एसडीएम सदर, चुनार तथा तहसीलदार सदर, चुनार, लालगंज, सहायक खंड शिक्षा अधिकारी लालगंज, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ पडरी, नरायनपुर, सहायक पूर्ति निरीक्षक से स्पष्टीकरण व कठोर चेतावनी की मांग की गयी। क्षेत्राधिकारी सदर, लालगंज, चुनार व इंस्पेक्टर सिटी व पडरी से स्पष्टीकरण व कठोर चेतावनी दी गयी। अधिशासी अभियंता सिचाई, एआरटीओ, लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड, सिचाई जल संसाधन विभाग से स्पष्टीकरण मांगा।