धरातल पर नहीं उतरी नमामि गंगे परियोजना, गंगा में गिर रहे गंदे नाले
गंगा में गिरने वाले नालों के पानी को बंद करने का आदेश प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया लेकिन अभी तक यह धरातल पर नहीं उतर पाया है। जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद द्वारा समुचित व्यवस्था न होने की वजह से अभी भी गंगा में 17 नालों का गंदा पानी गिर रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गंगा में गिरने वाले नालों के पानी को बंद करने का आदेश प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया लेकिन अभी तक यह धरातल पर नहीं उतर पाया है। जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद द्वारा समुचित व्यवस्था न होने की वजह से अभी भी गंगा में 17 नालों का गंदा पानी गिर रहा है।
जनपद में 27 नालों में से 10 को बंद कराने में जिला प्रशासन को सफलता जरुर मिली है लेकिन 17 नाले अभी भी प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। वहीं नगर पालिका परिषद चुनार में 14 नालों में से 10 बंद है और चार नालों का गंदा पानी गंगा में समाहित हो रहा है। गंगा में अनटैब्ड नालों से लगभग 12.365 मिलियन लीटर (एमएलडी) प्रतिदिन गंदा पानी बिना शोधित किए ही गिर रहा है। प्रशासन द्वारा 11 टैब्ड नालों का लगभग 16.58 एमएलडी पानी शोषित किया जाता है और इसके बाद गंगा में गिराया जाता है लेकिन इस कार्य में दक्षता की कमी के कारण लापरवाही की जा रही है। जिले के 14 उद्योगों में ईटीपी स्थापित किया गया है, जिनमें नालों द्वारा पानी को गंगा में निस्तारित किया जाता है। अभी तक जिला प्रशासन की गई कार्रवाई में एक डेयरी उद्योग, पांच टैक्सटाइल उद्योग और दो स्लाटर हाउस बंद कराए जा चुके हैं। वर्जन
गंगा में नालों का गंदा पानी गिरने से रोकने की कार्रवाई की जा रही है। नगर पालिका को निर्देश दिया गया है। नमामि गंगे योजना द्वारा गंगा में गिरने वाले नालों को बंद कराने की प्रक्रिया जारी है।
- सुशील लाल श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट, मीरजापुर।