पानी की बूंद-बूंद को सहेजने का मनरेगा से सपना हो रहा साकार
मीरजापुर जिंदगी की हर सांस के लिए जरूरी बूंद-बूंद पानी को सहेजने की पहल मनरेगा से सागार हो रही है।
अमित तिवारी, मीरजापुर :
जिंदगी की हर सांस के लिए जरूरी बूंद-बूंद पानी को सहेजने की पहल मनरेगा से साकार हो रही है। विध्य क्षेत्र के पठारी क्षेत्रों में भूगर्भ जल स्तर में सुधार में मनरेगा योजना कारगर साबित हुई है। इन तालाबों में बारिश के पानी को सहेजा जाएगा। इससे पठारी क्षेत्रों में जल संरक्षण की कोशिशें परवान चढ़ेंगी। तालाबों में मछली पालन समेत अन्य कार्य से किसानों को भी लाभ होगा साथ ही भूजल स्तर भी बढ़ेगा।
जल क्रांति को धार देने के लिए योजना से 193 तालाब आकार ले चुके हैं तो वहीं इस वित्तीय वर्ष में 186 तालाबों का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि इसमें से भी लगभग 23 लोगों ने तालाब बनवाने के लिए आवेदन किया है। शहरी क्षेत्रों में भले ही अतिक्रमण के चलते पुराने तालाब वर्तमान दौर में अपने वजूद को खोते जा रहे हो, लेकिन मनरेगा नए तालाबों की खोदाई कराकर न केवल खाईं को पाट रहा है, बल्कि भूजल स्तर को उठा रहा है।
योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। हर तालाब पर लगभग तीन लाख 99 हजार रुपये से लेकर छह लाख 97 हजार की रकम खर्च की जा रही है। जल संरक्षण के लिए 665 तालाबों का हो चुका जीर्णाेद्धार
जनपद जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों के चलते एक बार फिर पूरे देश में छा गया है। जल संचयन के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग पटेल के प्रयासों के चलते जनपद में पहले चरण में 506, दूसरे चरण में 159 तालाबों की खोदाई, सफाई और जीर्णोद्धार कराया गया था। इसके साथ ही विकास खंड 96 में 24 किलोमीटर बहने वाली कर्णावती नदी की भी वृहद अभियान चलाकर सफाई और जीर्णोद्धार कराया गया। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल और सीडीओ अविनाश सिंह ने शासन के महत्वाकांक्षी अभियान को आगे बढ़ाते हुए जनपद के 809 ग्राम पंचायतों में लगभग 250 तालाबों की सफाई कराया। मनरेगा से कर्णावती नदी की सुधरी दशा
तत्कालीन जिलाधिकारी अनुराग पटेल, तत्कालीन सीडीओ प्रियंका निरंजन व डीसी मनरेगा मो. नफीस के अनूठे प्रयास के चलते मनरेगा योजना से 3600 किलोमीटर लंबी कर्णावती नदी का जीर्णाेद्धार कराया गया। कर्णावती नदी छानबे ब्लाक के चितौली, कुशहा, बघेड़ा कला, विहसड़ा खुर्द, कोलाही, धौरहरा, विजयपुर, गैपुरा, भटेवरा, भाऊसिंह का पूरा सहित 19 गावों से होकर गुजरती है।
--------------------- तालाबों से जल संचयन में काफी मदद मिलती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 186 तालाबों का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि इसमें से भी लगभग 23 लोगों ने तालाब बनवाने के लिए आवेदन किया है।
- मो. नफीस, डीसी मनरेगा। एक नजर
पिछले वर्ष लक्ष्य : 190
तालाब का निर्माण : 193
वर्तमान में लक्ष्य : 186