मनोवैज्ञानिक सवालों में पास, तभी मिलेगा शस्त्र लाइसेंस
जिला अस्पताल में इन दिनों मेंटल फिटनेस सर्टिफिकेट पाने वालों की कतार लग रही हैं। इसका कारण यह है कि शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए अब मेंटल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं पहले की तरह सिर्फ टशन दिखाने, दबंगई के लिए शस्त्र लाइसेंस नहीं मिलेगा। इसके लिए मनोवैज्ञानिक सवालों से पार पाना होगा और यहां फेल हुए तो शस्त्र लाइसेंस नहीं मिल सकेगा।
मनोज द्विवेदी, मीरजापुर :
जिला अस्पताल में इन दिनों मेंटल फिटनेस सर्टिफिकेट पाने वालों की कतार लग रही हैं। इसका कारण यह है कि शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए अब मेंटल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं पहले की तरह सिर्फ स्टेटस दिखाने, दबंगई के लिए शस्त्र लाइसेंस नहीं मिलेगा। इसके लिए मनोवैज्ञानिक सवालों से पार पाना होगा और यहां फेल हुए तो शस्त्र लाइसेंस नहीं मिल सकेगा।
वर्तमान समय में जनपद में शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है और अब संभवत: लोकसभा चुनाव के बाद ही लाइसेंस के फार्म वितरित होंगे। लेकिन नये नियमों की वजह से शस्त्र लाइसेंस की चाह रखने वाले मेंटल फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की होड़ में जुट गए हैं। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें व्यक्ति के मानसिक संतुलन की पड़ताल होती है। जैसे विवाद होने पर हाथ में लाइसेंसी बंदूक है तो सबसे पहले आप क्या करेंगे, भीड़ है तो आप बंदूक से क्या करेंगे, परिवार में झगड़ा हो गया तो क्या करेंगे। इसके अलावा शादी विवाह में भी हर्ष फाय¨रग किस तरह से करेंगे, जैसे सवाल पूछे जाते हैं। इन सवालों का मनोवैज्ञानिक आधार होता है और मिले उत्तर के मिलान के बाद ही व्यक्ति के मेंटल फिटनेस को तय किया जाता है। बंदूक चलाने का प्रशिक्षण जरूरी
शस्त्र लाइसेंस के लिए अब पुलिस से हथियार चलने की ट्रे¨नग लेनी होगी। जिसे आयुध नियमावली-2016 के नियम 10 और 39 के तहत पुलिस और सीपीएमएफ के आर्मरर ट्रे¨नग सर्टिफिकेट दे सकेंगे। ट्रे¨नग लेने के बाद आवेदक को एस-1 सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा, जो कि लाइसेंस के लिए अब जरुरी सर्टिफिकेट हो चुका है। नेताओं को लेनी होगी शासन से मंजूरी
अधिकारियों ने बताया कि नेता, जनप्रतिनिधि, ठेकेदारों को अब पहले शासन से मंजूरी लेनी होगी। पहले अपनी पहुंच व रुतबे के अनुसार लोग एक ही घर में कई-कई लाइसेंस ले लेते थे। केंद्र सरकार की नई नियमावली के अनुसार अब लाइसेंस लेना आसान नहीं रह गया है। कई स्तरों पर इसकी मानीट¨रग के बाद ही लाइसेंस जारी होंगे। आपराधिक गतिविधि में शामिल होने वाले किसी भी महिला या पुरूष को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
-वर्जन
'शस्त्र लाइसेंस के नियमों में व्यापक फेरबदल किया गया है। मेंटल फिटनेस, हथियार चलाने की ट्रे¨नग सहित कई व्यवस्थाएं शस्त्र लाइसेंस प्रक्रिया को मजबूत बनाने वाली हैं।'
राजित राम प्रजापति, एडीएम, मीरजापुर