गंगा जागरण संध्या में देवी गीतों पर झूमे श्रोता
नयनागढ़ महोत्सव समिति द्वारा कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर आयोजित किए गए त्रिदिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार की रात गंगा जागरण संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें विख्यात भोजपुरी गायिका गायत्री यादव ने देर रात तक अपने गीतों से समां बांध दिया।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : नयनागढ़ महोत्सव समिति द्वारा कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर आयोजित किए गए त्रिदिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार की रात गंगा जागरण संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें विख्यात भोजपुरी गायिका गायत्री यादव ने देर रात तक अपने गीतों से समां बांध दिया। एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों से पंडाल में मौजूद हजारों दर्शक झूमते रहे। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशेष कार्याधिकारी राजस्व परिषद डा. विश्राम तथा विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद रामसकल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
डा. विश्राम ने कहा कि 2005 में स्थापित नयनागढ़ महोत्सव समिति द्वारा शुरू की गई इस सांस्कृतिक यात्रा का कारवां आज कितना विशाल हो गया है इसका अंदाजा आज के इस उम्दा कार्यक्रम को देखकर हो गया है। अपनी साहित्यिक अभिरुचि और चुनार से लगाव को बयां करते हुए उन्होंने कहा कि चुनार मेरे लिए दूसरे घर जैसा है और यहां आयोजित होने वाली सांस्कृतिक गतिविधियां मुझे बरबस ही यहां खींच लाती है। उन्होंने सराहनीय कार्यक्रम के लिए समिति को साधुवाद दिया। राज्यसभा सांसद रामसकल ने चुनार की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड के अलग होने के बाद उत्तर प्रदेश में मीरजापुर और सोनभद्र ही ऐसे जिले हैं जहां प्रकृति ने दिल खोल कर प्राकृतिक सुंदरता का उपहार दिया है। इसके पूर्व लखनऊ से आई भोजपुरिया कलाकार गायत्री ने गंगा स्तृति गायन से कार्यक्रम की शुरुआत की। मत जा विदेश.., तू घर आ जा परदेशी, तोहे खियाई गुड़ देशी.., अंगुरी में डसले नगिनिया.. समेत कई गानों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। वहीं बनारस से आए एमके ग्रुप के कलाकारों द्वारा शिव तांडव, राधाकृष्ण की झांकी, गोपियों की रासलीला आदि पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियां दीं। समिति की ओर से सभाजीत सिंह, कल्याण यादव, अखिलेश सिंह, शीतला यादव, दिनेश पटेल, राजेश राजू द्वारा अतिथियों को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संचालन बिरहा गायक राजेश यादव ने किया। इस अवसर पर मेजर कृपाशंकर सिंह, संजय भाई पटेल, पीएन सिंह, चंदन साहनी, संजय पटेल, राजू चौबे, समर्थ पटेल आदि थे।