खेलो इंडिया सेंटर से खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर होगी पैनी निगाह
विध्य क्षेत्र में जल्द ही खेलो इंडिया केंद्र की सौगात मिलने जा रही है जिससे प्रतिभावान खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर जमीनी स्तर पर पैनी निगाह रखी जा सकेगी। इसके लिए खेल मंत्रालय द्वारा जिला स्तर पर एक हजार केंद्र बनाए जाने की योजना है। इन केंद्रों पर खिलाड़ियों को जमीनी स्तर का प्रशिक्षण देकर खेलों को मजबूती मिलेगी। इसके लिए खेल विभाग द्वारा कवायद को तेज कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्य क्षेत्र में जल्द ही खेलो इंडिया केंद्र की सौगात मिलने जा रही है। इससे अब प्रतिभावान खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर जमीनी स्तर पर पैनी निगाह रखी जा सकेगी। इसके लिए खेल मंत्रालय द्वारा जिला स्तर पर एक हजार केंद्र बनाए जाने की योजना है। इन केंद्रों पर खिलाड़ियों को जमीनी स्तर का प्रशिक्षण देकर खेलों को मजबूती मिलेगी। इसके लिए खेल विभाग द्वारा कवायद तेज कर दी गई है।
जनपद मीरजापुर में रीजनल डायरेक्टर अथॉरिटी ऑफ इंडिया से खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना किया जाना है। खेल मंत्रालय से जिलास्तर पर एक हजार खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए जाने का फैसला लिया गया है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी भानु प्रसाद ने बताया कि पूर्व चैंपियनों की पहचान करने के लिए एक व्यवस्था तैयार की गई, जिससे ये चैंपियन खुद की अकादमी खोलकर संचालित करें अथवा केआईसी में कोच के रूप में काम करें। पहली प्राथमिकता किसी मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय संघ के तहत हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को दी जाएगी। दूसरे वर्ग में सीनियर राष्ट्रीय चैंपयिनशिप या खेलो इंडिया खेलों के पदक विजेता, तीसरे वर्ग में राष्ट्रीय अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रखा जाएगा। चौथे वर्ग में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी होंगे। केआइसी में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, बैडमिटन, साइकिलिग, तलवारबाजी, हाकी, जूडो, रोइंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्ती सहित 14 खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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खेलो इंडिया केंद्र के स्थापना की कवायद चल रही है। जनपद के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की सूची रीजनल डायरेक्टर स्पोटर्स अथारिटी आफ इंडिया को उपलब्ध कराया जाएगा। इन केंद्रों पर भूतपूर्व खेल चैंपियनों को लगाए जाने की योजना है। इससे भूतपूर्व खिलाड़ियों के आय का एक निरंतर स्रोत भी बन सके।
- भानु प्रसाद, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी, विध्याचल मंडल।