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शुरू हुई जियो टै¨गग, बंद होगी हेरा-फेरी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आ रही तमाम शिकायतों की वजह से अब हर आवास

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 06:03 PM (IST)
शुरू हुई जियो टै¨गग, बंद होगी हेरा-फेरी
शुरू हुई जियो टै¨गग, बंद होगी हेरा-फेरी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आ रही तमाम शिकायतों की वजह से अब हर आवास की जियो टै¨गग अनिवार्य कर दी गई है। इसकी रोजाना की रिपोर्ट भी मुख्यालय प्रेषित करनी होगी। नियम पहले से है लेकिन पालन कम होता है। अब इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। छूटे हुए लाभार्थियों के आवास निर्माण के लिए जियो टै¨गग का कार्य शुरू कर दिया गया। इसकी मानिट¨रग सेंट्रल कार्यालय से भी की जा सकेगी।

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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अलग-अलग ब्लाक में लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा रहा है। मंगलवार को मझवां ब्लाक के गोरही ग्रामसभा में हीरापुर गांव में जियो टै¨गग कराई गई। ग्राम प्रधान अखिलेश कुमार ने बताया कि जियो टै¨गग के माध्यम से वास्तविक लाभार्थियों की पहचान हो रही है। जिनके मकान बनने है, उन्हें कच्चे मकान या झोपड़ी के सामने खड़ा करके फोटो लिया जा रहा है और इसे सरकार के आवास संबंधी एप पर अपलोड किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम अक्टूबर तक चलेगा। इसके साथ ही लाभार्थियों के खाते में पीएम आवास की पहली किस्त आ जाएगी। इसके बाद निर्माण शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक का डाटा जियो टै¨गग के माध्यम से अपलोड किया जाएगा। इसे जिला मुख्यालय पर बैठे अधिकारी भी मानिटर कर सकेंगे। -कैसे होती है जियो टै¨गग

प्रधानमंत्री आवास योजना और भुवन मोबाइल एप डेवलप किया गया है। जब व्यक्तिगत आवास का निर्माण शुरू होगा तो उस समय स्थानीय सर्वेयर मौके पर जाकर उस घर की फोटो लेकर मोबाइल एप पर टैग करेंगे। इस प्रक्रिया को ही जियो-टै¨गग कहते हैं। इसके बाद भी निर्माण के सभी चरणों के फोटो आवास एप पर अपलोड किए जाएंगे। इसे सर्वेयर से लेकर जिले के परियोजना निदेशक तक आसानी से मानिटर कर पाएंगे। साथ ही हेरा-फेरी कर फर्जी फोटो अपलोड करने पर पर भी रोक लगेगी। -चार सेक्टर की जियो टै¨गग

पहला- स्लम री-डेवलपमेंट के आवास

दूसरा- सब्सिडी से बनने वाले आवास

तीसरा- भागीदारी से अफोर्डेबल हाउ¨सग

चौथा- लाभार्थियों के बनने वाले आवास

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'जियो-टै¨गग कारगर तकनीकी है, जनपद में सभी आवासों की जियो टै¨गग कराई जा रही है। इस समय छूटे लाभार्थियों के लिए जियो टै¨गग का काम प्रगति पर है।'

-ऋषिमुनि उपाध्याय, परियोजना निदेशक, मीरजापुर


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