विभागीय त्रुटियों का खामियाजा भुगत रहे आइटीआइ छात्र
आईटीआई कालेज में विभागीय लापरवाही के चलते सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। कारण है बच्चों के अंकपत्र में प्राप्तांक शून्य लिखकर आना। इससे प्रभावित छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति फार्म तक नहीं भर पा रहे हैं और इससे उनको वंचित होना पड़ सकता है। इसके बाबत छात्र-छात्राओं द्वारा आईटीआई प्राचार्य और विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है। वर्तमान समय में तीनों आईटीआई कालेज में लगभग 226
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आईटीआई कालेज में विभागीय लापरवाही के चलते सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। कारण है बच्चों के अंकपत्र में प्राप्तांक शून्य लिखकर आना। इससे प्रभावित छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति फार्म तक नहीं भर पा रहे हैं और इससे उनको वंचित होना पड़ सकता है। इसके बाबत छात्र-छात्राओं द्वारा आईटीआई प्राचार्य और विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है। वर्तमान समय में तीनों आईटीआई कालेज में लगभग 2268 छात्र-छात्राएं अध्ययन प्राप्त कर रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा दिलाकर अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य संवारना चाहते हैं। इसके लिए अभिभावक आईटीआई या पालीटेक्निक कालेजों का रुख करते हैं। आईटीआई कालेज में सरकार की डिजिटल इंडिया से बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। प्रवेश या परीक्षा के दौरान आनलाइन परीक्षा फार्म भरने के दौरान छात्र-छात्राओं की छोटी सी भूल बड़ी गलती साबित हो रही है। जनपद मीरजापुर के मीरजापुर नगर, छानबे व चुनार में सरकार द्वारा संचालित आईटीआई कालेज में छात्रों की भूल व विभागीय सुस्ती के चलते हजारों छात्र आज छात्रवृत्ति से वंचित होने वाले हैं। आईटीआई कालेज की लापरवाही के चलते छात्र-छात्राओं के अंकपत्र में अंक के आगे शून्य अंकित हो गया है, जिसके चलते अगली कक्षा में प्रवेश तो दूर छात्रवृत्ति फार्म तक अग्रसारित नहीं हो पा रहा है। आईटीआई कालेज मीरजापुर में 1200, छानबे में 568 तथा चुनार में लगभग 500 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इनमें से लगभग सैकड़ों छात्रों के अंकपत्र में त्रुटियां है।
-----------
वर्जन
छात्र-छात्राओं के अंकपत्र में नंबर चढ़ाने में त्रुटि हुई है। छात्र-छात्राओं की त्रुटि को सुधारने के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता हुई है, उनकी समस्याओं का जल्द निराकरण हो जाएगा।
- आलोक कुमार, आईटीआई प्राचार्य।