न्याय की आस में हैं बुजुर्ग, डीएम दफ्तर धरना
संतदास बनाम सरकार व छ: अन्य के मामले में हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बावजूद भी जब जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण नहीं रुका तो वहां रहने वाले बुजुर्गों ने कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया। बुधवार को अनशन का दूसरा दिन रहा और कलेक्ट्रेट कार्यालय बंद था। लेकिन इन बुजुर्गों की नजरें बार-बार डीएम के दफ्तर की ओर ही उठ रही थीं। पूछने पर एक बुजुर्ग ने बताया कि न्याय तो यहीं से मिलना है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : संतदास बनाम सरकार व छह अन्य के मामले में हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बावजूद भी जब जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण नहीं रुका तो वहां रहने वाले बुजुर्गों ने कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया। बुधवार को अनशन का दूसरा दिन रहा और कलेक्ट्रेट कार्यालय बंद था। लेकिन इन बुजुर्गों की नजरें बार-बार डीएम के दफ्तर की ओर ही उठ रही थीं। पूछने पर एक बुजुर्ग ने बताया कि न्याय तो यहीं से मिलना है।
शहर के रमईपट्टी निवासी संतदास ने कुछ लोगों पर अवैध निर्माण कराने व सरकारी विभागों की मिलीभगत से ऐसा होने देने की छूट का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन शुरू किया है। संतदास इससे पहले कई दिनों तक अनशन कर चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। अनशन कर रहे संतदास व उनके चार साथियों ने बताया कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराई जाए कि किस तरह से अधिकारी व अवैध कब्जा करने वाले मिलकर न्यायालय को भी झूठा साबित करने पर तुले हुए हैं। अनशनरत संतदास ने बताया कि यह निर्माण नहीं न्याय को कमजोर करने का काम हो रहा है। सब कुछ जानते हुए प्रशासन मौन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हम पूरे परिवार के साथ ¨जदगी की आखिरी सांस तक इसका विरोध करेंगे।