सत्तानबे ग्राम पंचायतों में पांच हजार हैंडपंप खराब
छानबे क्षेत्र के सत्तानबे ग्राम पंचायतों में लगभग सात हजार हैंडपंप लगाए गए है लेकिन इनमें से पांच हजार के लगभग खराब की हालत में पड़े है। आरोप है कि शासन से रिबोर के नाम पर प्रतिवर्ष मनमाना धन ग्राम पंचायतों में आता है लेकिन मिलीभगत के चलते सरकारी धन का बंदरबाट हो जाता है लेकिन एक भी हैंडपंप का मरम्मत नहीं कराया गया।
जासं, जिगना (मीरजापुर) : छानबे क्षेत्र के सत्तानबे ग्राम पंचायतों में लगभग सात हजार हैंडपंप लगाए गए है लेकिन इनमें से पांच हजार के लगभग खराब की हालत में पड़े है। आरोप है कि शासन से रिबोर के नाम पर प्रतिवर्ष मनमाना धन ग्राम पंचायतों में आता है लेकिन मिलीभगत के चलते सरकारी धन का बंदरबाट हो जाता है लेकिन एक भी हैंडपंप का मरम्मत नहीं कराया गया।
छानबे क्षेत्र के पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष विनय पांडेय ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायतों में लगभग तीन लाख की आबादी निवास करती हैं। जहां कुल हैंपपंपों की संख्या लगभग सात हजार के आस पास है। आलम यह है कि प्रतिवर्ष रिबोर के नाम पर लाखों रुपये खर्च तो हो रहे पर जरूरतमंद व गरीबों के हैंडपंप आज भी वर्षो से खराब पड़े है। हैंडपंप खराब होने के कारण बस्तियों में पानी की समस्या का सबब बने हैं। क्षेत्र के ग्राम पंचायत भिल्लौरा अंतर्गत बिद बस्ती में लगा हैंडपंप वर्षो से खराब हो पानी नहीं दे रहा। जिसमें काशी सरपती, बहुती, कुदारन आदि गांवों में हैंडपंप शोपीस बने हुए है। वही देवनारायण बिद, राजमनी, देवधर आदि ग्रामीणों ने ब्लाक मुख्यालय से लेकर ग्राम विकास अधिकारी की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं पर समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। आरोप लगाया कि एक ओर छानबे क्षेत्र के एक दर्जन ग्राम पंचायतों में फर्जी रिबोर व हैंडपंप के नाम पर लाखों रुपये कागजों पर खर्च हो रहे हैं वही जनहित के कार्यो को दरकिनार कर जनप्रतिनिधि अपना उल्लू सीधा कर चुनावी बिसात बिछा रहे हैं। इस संबंध में ग्राम पंचायत भिल्लौरा के प्रधान प्रतिनिधि महेश यादव ने बताया कि जल्द ही हैंडपंप रिबोर करा दिया जाएगा, बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया था।