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जीएसटी दरों में मिले रियायत तो सुधरे व्यापार

सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर व्यापारियों में खासी उम्मीदें है।अधिकतर व्यापारियों का मानना है कि सरकार जीएसटी की दरों व चार स्लैबों में रियायत करें तो व्यापार सुधरे। बजट व्यापार के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। व्यापारियों का मानना है कि आनलाइन ट्रेडिग से खुदरा व्यापार खासा प्रभावित हुआ है। फार्मासिस्टों की अनिवार्यता से दवा व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। दवा व्यापारी फार्मासिस्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग कर रहे है। व्यापारियों का मानना है कि एक टैक्स एक स्लैब में व्यापार सुधरेगा। कहा कि व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 10:48 PM (IST)
जीएसटी दरों में मिले रियायत तो सुधरे व्यापार
जीएसटी दरों में मिले रियायत तो सुधरे व्यापार

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर व्यापारियों में खासी उम्मीदें है।अधिकतर व्यापारियों का मानना है कि सरकार जीएसटी की दरों व चार स्लैबों में रियायत करें तो व्यापार सुधरे। बजट व्यापार के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। व्यापारियों का मानना है कि आनलाइन ट्रेडिग से खुदरा व्यापार खासा प्रभावित हुआ है। फार्मासिस्टों की अनिवार्यता से दवा व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। दवा व्यापारी फार्मासिस्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग कर रहे है। व्यापारियों का मानना है कि एक टैक्स एक स्लैब में व्यापार सुधरेगा। कहा कि व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाना चाहिए।

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जीएसटी लागू होने के बाद से व्यापारी तमाम समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं। सरकार द्वारा कई बार संशोधन के बावजूद आज तक खामियों को दूर नहीं किया जा सका है। जीएसटी की चार दरें तमाम व्यापार पर लागू है, जिससे व्यापारियों को बिलिग में परेशानी हो रही है। सरकार जीएसटी की दो स्लैब 5 व 12 निर्धारित करें तो व्यापारियों को राहत मिले।

- शत्रुधन केसरी।

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दवा की आनलाइन खरीदारी और प्रत्येक दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट की अनिवार्यता से दवा व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सरकार को चाहिए की दवा की दुकान संचालन में अनुभवी दुकानदारों को वरियता देते हुए लाइसेंस का प्राविधान करें। सरकार जीएसटी की दरों में थोड़ी रियायत दे।

- अभिषेक जायसवाल।

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बिल्डिग मटेरियल के व्यवसाय में 18 प्रतिशत तक जीएसटी चुकाना पड़ रहा है। इससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सरकार जीएसटी के चार स्लैब 5, 12,18, 28 में कमी लाए और राहत दे। इससे व्यापार करने में आसानी हो सकेगी।

- सूरज प्रसाद।

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मशीनरी के व्यवसाय में सरकार द्वारा 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा है। सरकार व्यापार की बेहतरी के लिए जीएसटी की दरों को समान करें। सभी स्लैब को मिलाकर एक करना चाहिए।

- अमित केसरी।

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सरकार द्वारा जारी जीएसटी की दरों ने व्यवसाय को प्रभावित किया है। इससे व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इससे बाजार में सन्नाटा है। सरकार जीएसटी की दरों में सुधार करें तो व्यवसाय बेहतर हो सकता है।

- योगेश बरनवाल।

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सरकार एक टैक्स एक स्लैब निर्धारित करें। जीएसटी की विसंगतियों को भी सरकार दूर करना चाहिए। एक टैक्स एक स्लैब से व्यापार में सुधार आ सकेगा और व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी।

- केदारनाथ गुप्ता।

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सरकार की लाख कवायद के बाद भी आज भी कई खामियां है। इससे व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाई हो रही है। कपड़ा व्यवसाय पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू करने से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सरकार कपड़ा व्यवसाय से जीएसटी को समाप्त करें।

- मनोज जैन।

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पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार भी वीआरडीएस स्कीम को एक बार लागू करें। वीआरडीएस स्कीम लागू होने से व्यापारियों को काफी सहुलियत मिलेगी। इससे दम तोड़ रहे व्यवसाय को संजीवनी मिल सकेगी। आनलाइन खरीदारी पर बैंक द्वारा लगाए जा रहे टैक्स को समाप्त किया जाना चाहिए।

- तन्मय जैन-


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