मछुआरों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार गंभीर
जागरण संवाददाता मीरजापुर विश्व मात्सि्यकी दिवस पर पथरहिया स्थित विकास भवन में जन जागरूकता ग
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विश्व मात्सि्यकी दिवस पर पथरहिया स्थित विकास भवन में जन जागरूकता गोष्ठी का आयोजन रविवार को हुआ। इसमें मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने एवं विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। गोष्ठी में मत्स्य पालकों से रिवर रैंचिग, प्रतिबंधित शिकारमाही काल, बायोफ्लाक, आरएएस, पंगेशियस सीड, फिश फीड इत्यादि विषयों व परियोजनाओं पर व्यापक चर्चा हुई।
नारघाट पर गंगा नदी में राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम (नेशलन रिवर रैचिग प्रोगाम) के तहत 50 हजार मत्स्य अंगुलिका का संचय किया गया। पीडी अनय मिश्र ने कहा कि सरकार मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने को लेकर गंभीर है।
उप निदेशक मत्स्य मुकेश सारंग ने कहा कि मत्स्य पालकों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। योजनाओं के अतिरिक्त मत्स्य बीज की उपलब्धता, केसीसी की उपयोगिता तथा सरकार द्वारा पशुपालक एवं मत्स्य पालक, मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को केसीसी से आच्छादित करने के बारे में बताया। मछली पालन को बढ़ावा देने और मछुआरों की आमदनी में इजाफा करने के उदेश्य से केंद्र सरकार ने नेशनल रिवर रैंचिग प्रोग्राम यानी राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम शुरू किया है। किफायती और पर्यावरण के ²ष्टिकोण से उपयुक्त रूप से मत्स्य संसाधनों का सतत उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा देना समय की मांग बन चुकी है।
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक कुमार अजय ने मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी दी।साथ ही मत्स्य पालकों के समस्याओं का निराकरण किया। मत्स्य निरीक्षक शिव प्रकाश मिश्र ने विभाग की योजनाओं की जानकारी दी, जिससे योजना का लाभ उठा सके। उप निदेशक कृषि डा. अशोक उपाध्याय ने मत्स्य पालकों को कृषि के विविध पहलुओं तथा पर्यावरण हितैषी जैविक कृषि करने पर जोर दिया। एफपीओ गठन संबंधी जानकारी प्रदान दी। बायोफ्लाक विशेषज्ञ हिमांशु सिंह ने बायोफ्लाक की जानकारी दी। अग्रणी मत्स्य पालक नेहा पटेल ने आरएएस सिस्टम के बारे में बताया। राष्ट्रीय नदी तटीय कार्यक्रम
उप निदेशक मत्स्य मुकेश सारंग ने बताया कि नदी तटीय कार्यक्रम एक गतिविधि है जो चिरस्थाई मत्स्य पालन, आवास क्षरण में कमी, जैव विविधता का संरक्षण, सामाजिक, आर्थिक लाभों को अधिकतम बनाती है तथा पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखने में सहयोग प्रदान करती है। कार्यक्रम को ज्यादा मछली पकड़ने, मछुआरों की आजीविका को बेहतर करने और नदी की स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रेरित किया गया, क्योंकि वे भोजन के रूप में जैविक अवशेषों को लेते है। मुख्य रूप से कम हुए मछली के स्टाक को ऊपर उठाने और पालन करने मछली प्रजातियों के उत्पादन बढ़ाने के लिए किया गया है। उद्देश्य को लक्षित करते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रजनन प्रोटोकाल और मानक उपायों का पालन किया गया है, जो देशी मछली प्रजातियों के बच्चों का नदियों में संचय करने के लिए आवश्यक है, जो मछली उत्पादन को बढ़ाने, आश्रित मछुआरों की आजीविका में सुधार लाने और नदी प्रणाली में एक स्वस्थ वातावरण उत्पन्न करने में सहायता प्रदान करेगा।