देव दीपावली पर दीपों की आभा से झिलमिलाए घाट
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार की देर शाम बालूघाट पर देव दीपावली मनाई गई। बालूघाट स्थित गंगा तट झिलमिलाते दीपों की आभा जगमग करते रहे। देव दीपावली के उपलक्ष्य में मिट्टी के दीपों से बालूघाट के किला छोर पर बने साहित्य संगम की सीढि़यों को सजाया गया था और शाम ढलते ही वहां जलने वाला हर एक दीप और उसकी रोशनी से उत्पन्न मनमोहक लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता रहा।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार की देर शाम बालूघाट पर देव दीपावली मनाई गई। बालूघाट स्थित गंगा तट झिलमिलाते दीपों की आभा जगमग करते रहे। देव दीपावली के उपलक्ष्य में मिट्टी के दीपों से बालूघाट के किला छोर पर बने साहित्य संगम की सीढि़यों को सजाया गया था और शाम ढलते ही वहां जलने वाला हर एक दीप और उसकी रोशनी से उत्पन्न मनमोहक लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता रहा। रात आठ बजे के बाद ऐसा लगा कि पूरे चुनार का ठौर बालूघाट ही है। क्या महिलाएं क्या पुरुष और क्या बच्चे हर कोई गंगा तट पर पहुंचा और दीपदान कर खुद को धन्य किया।
आम तौर पर चुनार नगर की समस्याओं और अन्य मुद्दों पर सार्थक बहस करने वाले चुनार क्लब के सदस्यों ने इस बार की देव दीपावली को कुछ अलग बनाने की ठानी और लोगों से अमर शहीदों के नाम पर भी एक दीपक जलाने का आह्वान किया। जिसके लिए युवाओं ने श्रमदान कर साहित्य संत धाम की साफ सफाई भी की और यहां अमर शहीदों के लिए दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया। इंजीनियर सर्वेश सिंह की अगुवाई और मौजी जियरा एसोसिएशन के कुशवाहा दीप मौर्य के निर्देशन में सेल्फी प्वाइंट बनाया और दीपदान के लिए एक खूबसूरत रंगोली बनाकर तैयार की गई। जहां दीपों की आभा से एक अलौकिक अनुभूति हो रही थी वहीं देश के अमर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि समर्पित करने का सौभाग्य चुनार वासियों को मिला। अमर शहीद का प्रतीक चिन्ह की रही खूब चर्चा
घाट पर बनाई रंगोली और अमर शहीद का प्रतीक चिन्ह की काफी चर्चा रही। इसके पूर्व लोगों ने मां गंगा की आरती उतारी गई और उसके बाद गंगा में दीपदान किया। गंगा के पानी में झिलमिलाते हजारों की संख्या में दीपकों की रोशनी बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही। ढोल नगाड़ों के साथ घाट पर पहुंचे लोगो समेत अनेक चरणाद्रि समिति, सामाजिक संस्था प्रयास, नयनागढ़ महोत्सव समिति समेत अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से दीपदान किया गया। घरों में भी दीप जलाए गए। देर रात तक बालूघाट पर मेले जैसा माहौल रहा। इस दौरान सुरेश कुमार प्रजापति, कुंवर अंकुर, रंजीत मंडल, विमल प्रजापति, राजन, ऋषिराज विश्वकर्मा, देवेश चक्रवाल, कैलाश प्रजापति, अफसर अली, मेराज अली, अंशु राय, मोहन यादव आदि थे।