शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर गैपुरा-रामपुर मार्ग को किया जाम
जागरण संवाददाता जिगना (मीरजापुर) विध्याचल थाना क्षेत्र के गैपुरा-रामपुर मार्ग पर मृत जवान वि
जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : विध्याचल थाना क्षेत्र के गैपुरा-रामपुर मार्ग पर मृत जवान विनोद कुमार (24) के परिजनों संग ग्रामीणों ने शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर जाम लगा दिया। शासन व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। मौके पर पहुंचे विध्याचल थानाध्यक्ष ने शांत कराने का प्रयास किया लेकिन सभी अपनी मांगों पर अड़े रहे। कुछ देर बाद पहुंचे एसडीएम सदर गौरव श्रीवास्तव ने आश्वासन देकर जाम को समाप्त कराया। साथ ही मृत जवान के घर पहुंचकर उनकी पत्नी अनीता देवी, पिता रमाशंकर से बातचीत कर ढांढस बंधाते हुए पत्नी का निवास व खाता नंबर के बारे में जानकारी ली। साथ ही परिजनों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।
विध्याचल थाना क्षेत्र के रैपुरी गांव निवासी विनोद कुमार बार्डर सिक्योरटी फोर्स में तैनात थे जिनकी 28 नवंबर को मेघालय में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। इसकी सूचना दूसरे दिन 29 नवंबर को सुबह जब घर पर पहुंची तो परिजनों में रोना बिलखना शुरू हो गया। इस बीच किसी अधिकारी के न पहुंचने पर ग्रामीण गुस्से में आ गए और सोमवार की सुबह रामपुर-गैपुरा मार्ग जाम कर मृतक विनोद कुमार को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे। थाना प्रभारी विध्याचल शेषधर पांडेय पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सभी उच्चाधिकारियों को बुलाने पर अड़े रहे। हालांकि थोड़ी देर बाद उपजिलाधिकारी सदर गौरव श्रीवास्तव पहुंच कर ग्रामीणों से हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया लेकिन सभी विनोद को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। एसडीएम ने कहा कि इसकी सूचना जिले के अलावा प्रदेशस्तर के अधिकारियों तक आपकी बातों को पहुंचाने की बात कह कर जाम को समाप्त कराया। तीन भाइयों में विनोद थे सबसे छोटे
मृत जवान विनोद कुमार तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई जितेंद्र गुजरात में रहकर प्राइवेट नौकरी करते है। तीसरे नंबर पर मनोज कुमार घर पर ही रहते है। मृतक विनोद कुमार की बहन रीता व मीरा की शादी हो चुकी है लेकिन तीसरी बहन कृति जो कि पिता के दूसरी पत्नी सत्ती देवी की संतान है। महज ढाई वर्ष की है।
मौत से पहले पत्नी व परिवार का पूछा था हालचाल
मृतक जवान विनोद कुमार 30 जुलाई को घर आए थे जो पंद्रह दिन बाद वापस नौकरी पर चले गए। मृतक जवान 27 नवंबर को अपने पिता रमाशंकर से बात कर अपनी दूसरी मां सत्ती देवी जो कि आंख का आपरेशन कराई है। उनके बारे मे जानकारी ली थी तथा 28 नवंबर को पत्नी अनिता से भी शाम को बात की थी। उनके मौत से परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर हाल बेहाल है।