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चुनार में गंगा ने पार किया खतरे का निशान, कई गांवों का संपर्क कटा

चुनार में गंगा का जलस्तर गुरुवार की दोपहर खतरे के निशान को पार कर गया। गंगा यहां लाल निशान 254 फीट के ऊपर बहने लगी हैं। बालूघाट रोड पर गंगा का पानी पोस्टआफिस के पास सड़क पर हिलोरे मारने लगी थी। वहीं लगातार बढ़ रही गंगा की बाढ़ निचले इलाकों में कहर बरपाने लगी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:05 PM (IST)
चुनार में गंगा ने पार किया खतरे का निशान, कई गांवों का संपर्क कटा
चुनार में गंगा ने पार किया खतरे का निशान, कई गांवों का संपर्क कटा

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : चुनार में गंगा का जलस्तर गुरुवार की दोपहर खतरे के निशान को पार कर गया। गंगा यहां लाल निशान 254 फीट के ऊपर बहने लगी हैं। बालूघाट रोड पर गंगा का पानी पोस्ट आफिस के पास सड़क पर हिलोरे मारने लगी थी। वहीं लगातार बढ़ रही गंगा की बाढ़ निचले इलाकों में कहर बरपाने लगी हैं। विकराल रूप धारण कर चुकी गंगा ने चुनार इलाके के कई गांवों को चपेट में ले लिया है। हालांकि अभी तक गंगा ने लोगों के घरों की ड्योढ़ी नहीं लांघी है लेकिन गंगा की लहरों के चलते हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई है और कईं गांवों का संपर्क कट गया है। अब लोगों के आने जाने का सहारा प्रशासन द्वारा लगाई गई नावें ही रह गई हैं।

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-गंगा का रौद्र रूप देख कर बढ़ने लगी है दहशत

पिछले छह दिनों से गंगा का रौद्र रूप देख लोग दहशत में है। तहसील क्षेत्र के सीखड़, ढाब व नगर के निचले इलाकों के घरों में डेरा जमाए लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। गंगा का पानी लगातार अपना दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिनके घर एक मंजिल के ही हैं, उनकी दिक्कतें खासी बढ़ गई है। लोग अब भगवान से बस यही दुआ कर रहे हैं कि बाढ़ यहीं थम जाए और आगे न बढ़े। यदि पानी के बढ़ाव की गति नहीं थमी तो और पानी घरों में घुसना शुरू हुआ तो लोगों ठिकाना भी छिन जाएगा और राहत शिविरों की शरण लेने को लोग मजबूर होंगे।

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-सितंबर में भागीरथी का विकराल रूप देख लोग हैरत में

सितंबर महीने में जहां भागीरथी शांत होने लगती थीं वहीं इस बार सितंबर माह के उत्तरा‌र्द्ध में गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गुरुवार को खतरे का निशान पार गई गंगा ने इलाके और कई एकड़ खेतों को अपनी जद में ले लिया।

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-टापू में तब्दील गांव में बस नाव का सहारा

ढाब क्षेत्र के रैपुरिया, जलालपुर मैदान, नकहरा, जलालपुर माफी, बगहीं, शिवपुर, बगहीं, बघेड़ा, रामरायपुर, धरम्मरपुर, गांगपुर, भवानीपुर, नियामतपुर कला, नियामतपुर खुर्द, बघेड़ी, शेरपुर, गोविदपुर आदि गांवों के नए कृषि क्षेत्र आज गंगा के पानी की जद में आ गए। वहीं पानी से घिर कर गांव टापू में तब्दील ढाब क्षेत्र के इन गांव के लोगों के लिए सिर्फ नाव ही एकमात्र सहारा है।

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..तो और भयावह हो जाएंगे हालात

गंगा के जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार यदि नहीं थमी तो आने वाले दिन और मुसीबत भरे हो सकते हैं। गांवों और चुनार नगर स्थित जरगो नदी के तटीय इलाकों के डूब क्षेत्र में बनाए गए मकानों में पानी घुसने पर लोगों को अपने रिश्तेदारों या फिर प्रशासन के राहत शिविरों की शरण लेनी पड़ेगी।


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